हल्द्वानी: 150 बेडों पर पांच लाख बच्चों का जिम्मा, तीसरी लहर से निपटने की सिर्फ कागजों में ही तैयारी

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोविड की तीसरी लहर आने का अनुमान जताया जा रहा है। नया वैरिएंट डरा रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग दूसरी लहर बीतने के करीब छह माह बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई ज्यादा सुधार नहीं कर पाया है। यहां पांच लाख बच्चों के उपचार के लिए 150 बेड ही हैं। तीसरी लहर …
हल्द्वानी, अमृत विचार। कोविड की तीसरी लहर आने का अनुमान जताया जा रहा है। नया वैरिएंट डरा रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग दूसरी लहर बीतने के करीब छह माह बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई ज्यादा सुधार नहीं कर पाया है। यहां पांच लाख बच्चों के उपचार के लिए 150 बेड ही हैं। तीसरी लहर से निपटने के लिए सिर्फ कागजों में ही तैयारी की जा रही है।
जिले में 18 साल से कम आयु के बच्चों की संख्या करीब पांच लाख है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान यह दावा किया गया था कि अब बच्चों के उपचार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, लेकिन अब जब कोविड की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है तब भी बच्चों के उपचार के मामले में स्वास्थ्य विभाग की कोई खास तैयारी देखने को नहीं मिली है।
बीसी जोशी अस्पताल में जहां बच्चों के उपचार के लिए 100 बेड हैं। वहीं दूसरी ओर एसटीएच में 50 बेड ही हैं। नैनीताल जिला ही बल्कि यह अस्पताल कुमाऊं का प्रमुख कोविड अस्पताल हैं। ऐसे में पांच लाख बच्चों के गहन उपचार के लिए अभी 150 बेडों का ही आसरा है। इस हिसाब से देखें तो 3333 बच्चों पर केवल एक बेड है। जबकि, कोविड की दूसरी लहर के दौरान यह दावा किया गया था कि बच्चों के बेडों की संख्या को बढ़ाया जाएगा।
हवाई साबित हुए आदेश
विगत दिनों जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए थे, जिसमें बीसी जोशी कोविड केयर अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए विशेष वार्ड बनाए जाने थे। इन वार्डों में दीवारों पर बच्चों के लिए कार्टूनों की पेंटिंग करनी थी। साथ ही छोटे बच्चों के साथ रहने के लिए अभिभावकों की भी व्यवस्था करनी थी। अभी तक इन पर काम नहीं हुआ है।
ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए गया ऑर्डर
बीसी जोशी कोविड अस्पताल में मौजूद 500 बेडों में से 125 बेड ऑक्सीजन सप्लाई वाले हैं। साथ ही आपात स्थिति में सभी 500 बेडों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा सकती है। सभी बेडों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी पड़ी तो तीन दिन तक ही सप्लाई की जा सकती है। इसे देखते हुए 20 ऑक्सीजन सिलेंडर और मंगाए जा रहे हैं।
मिनी स्टेडियम में धूल फांक रहा कोविड अस्पताल
मिनी स्टेडिमय में 100 बेड का कोविड अस्पताल अब भी बंद है। अस्पताल को बनाने की तैयारी कोविड की पहली लहर के दौरान ही कर ली गई थी। लेकिन करीब एक साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी यहां बेड धूल फांक रहे हैं। यहां दरवाजे बंद हैं। खिड़कियों से झांकने पर पता चला कि अंदर व्यवस्था पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। कोविड के मरीजों के उपचार के लिए अभी इस अस्पताल को फिर से तैयार करना होगा।
एक लाख लोगों को नहीं लगा दूसरा टीका
हल्द्वानी। जिले में अभी एक लाख लोग दूसरे टीके से बचे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार आह्वान कर रहा है कि जिले में कोविड टीकाकरण में सभी लोग शामिल हों। हालांकि दिसंबर से कोविड टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है।
तीसरी लहर को लेकर कोई सावधानी नहीं
हल्द्वानी। तीसरी लहर के अंदेशे के बाद भी स्वास्थ्य विभाग और आम लोग सजग नहीं हैं। न ट्रेनों से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है और न ही आमजन भी कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं। बाजार में सैनेटाइजर, मास्क आदि की बिक्री भी काफी कम हो गई है।
कोविड के नए वैरिएंट से बचाव के लिए कोविड जांचों को बढ़ा दिया गया है। प्रतिदिन करीब 1800 जांचें की जा रहीं हैं। लोगों को भी कोविड नियमों का पालन करने को कहा जा रहा है। – डॉ. रश्मि पंत, एसीएमओ, नैनीताल