पीलीभीत हाईवे पर रफ्तार का कहर: कंटेनर और ट्रक की भीषण टक्कर, एक की मौत, चार नेपाली समेत सात घायल

गजरौला/पीलीभीत,अमृत विचार। असम हाईवे पर एक बार फिर वाहनों की तेज रफ्तार राहगीरों की मुसीबत बनी। पहले माला नदी पुल के पास कंटेनर और ट्रक की भीषण टक्कर हुई। दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए। एक चालक की मौत, जबकि दूसरे की हालत गंभीर बनी रही। उसके सात घंटे बाद 500 मीटर दूरी पर सवारियों …
गजरौला/पीलीभीत,अमृत विचार। असम हाईवे पर एक बार फिर वाहनों की तेज रफ्तार राहगीरों की मुसीबत बनी। पहले माला नदी पुल के पास कंटेनर और ट्रक की भीषण टक्कर हुई। दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए। एक चालक की मौत, जबकि दूसरे की हालत गंभीर बनी रही।
उसके सात घंटे बाद 500 मीटर दूरी पर सवारियों से भरी बस अनियंत्रित होकर कच्चे में उतर पेड़ से टकरा गई। बस में सवार चार नेपाली नागरिक समेत छह लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। चीख पुकार को लेकर हड़कंप मचा रहा। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया। सीओ सिटी सुनील दत्त भी जिला अस्पताल पहुंचे और घायलों के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टरों से जानकारी की।
पहला हादसा शुक्रवार तड़के करीब चार बजे हुआ। माधोटांडा के गांव मैनी गुलड़िया निवासी जसवीर सिंह कंटेनर लेकर पंजाब से नेपाल जा रहे थे। उधर, पूरनपुर की तरफ से एक लकड़ी लदा ट्रक आ रहा था। माला नदी पुल के पास पहुंचते ही दोनों वाहनों की आमने-सामने टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों वाहनों के आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। दोनों के चालक गंभीर रूप से घायल हुए। ट्रक के चालक का एक पैर कटकर अलग हो गया।
राहगीरों से सूचना मिलने पर गजरौला पुलिस मौके पर पहुंची। वाहनों में फंसे उनके घायल चालकों को मशक्कत कर बाहर निकाला और जिला अस्पताल भर्ती कराया। इलाज के दौरान जसवीर सिंह की मौत हो गई। जबकि ट्रक चालक के बेहोशी की हालत में होने पर पुलिस जानकारी नहीं जुटा सकी। हालांकि हादसे के पीछे चालक को झपकी आने का अंदेशा पुलिस लगाती रही। दोनों वाहनों के हाईवे पर खड़ा होने से तीन घंटे तक जाम लगा रहा। पुलिस ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाया।
इसके करीब सात घंटे बाद पूर्वान्ह ग्यारह बजे दूसरा हादसा घटनास्थल से पांच सौ मीटर दूर जंगल की तरफ बिजली घर के पास हुआ। सवारियों से लदी बस पीलीभीत से पूरनपुर की तरफ जा रही थी। अनियंत्रित होकर बस कच्चे में उतर गई और पेड़ से टकरा गई। इसके बस में सवार सवारियों में चीख पुकार मच गई। राहगीर और स्थानीय लोग मदद को दौड़ पड़े।
सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई। काफी देर तक मशक्कत की गई और फिर छह घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया गया। इसमें नेपाल के झाझरकोट जादोपुर निवासी सीता पत्नी परमिल, नेपाल के कोलपुरा निवासी बिट्टू, उनकी पत्नी नीतू, नेपाल के सुतैया निवासी मदन और हिमाचल प्रदेश के शिमला पुट्टू निवासी धनमाया और उनकी बेटी जूना थे। आधा दर्जन अन्य सवारियां भी घायल हुई।
मगर, उन्हें मामूली चोट आई थी। बस में सवार बच्चे महिलाओं में हादसे की दहशत दिखी। नेपाली नागरिकों के घायल होने का पता लगते ही सीओ सिटी भी जिला अस्पताल गए।वहां घायलों को देखा और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की।सभी के नाम पते नोट किए। इस हादसे में भी लोग बस की तेज रफ्तार से होने की बात कहते रहे।
चार घंटे तक बाधित रहा हाईवे पर आवागमन, जाम में फंसे राहगीर
असम हाईवे पर माला नदी पुल पर हुई कंटेनर और ट्रक की टक्कर के बाद राहगीर जाम में फंसकर रह गए। दोनों क्षतिग्रस्त वाहन सड़क पर थे। मौके पर भीड़ भी लगी हुई थी। हाईवे पर बड़े वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। ऐसे में जाम की स्थिति बन गई। करीब चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। वाहनों की रफ्तार को ब्रेक लगी रही। पुलिस ने पहुंचकर जाम खुलवाया।इसके बाद ट्रैफिक को रफ्तार पकड़ने में ही काफी समय लग गया।
आठ दिन परिवार से मिलकर गए थे जसवीर
असम हाईवे पर ट्रक से हुई भीषण टक्कर में मरने वाले कंटेनर चालक जसवीर सिंह जनपद के ही माधोटांडा थाना क्षेत्र के मैनी गुलड़िया गांव के रहने वाले थे। करीब नौ महीने से पंजाब में रहकर ड्राइवरी करने लगे थे। परिवार से मुलाकात करने के लिए आते-जाते रहते थे। बेटे की हादसे में मौत की खबर मिलने के बाद शुक्रवार को परिवार में कोहराम मच गया।
रिश्तेदार और ग्रामीण पीड़ित परिवार को जवान बेटे की मौत पर ढांढस बंधाने में जुटे रहे।
मैनी गुलड़िया गांव निवासी सुखचैन सिंह के दो अविवाहित बेटे जसवीर (मृतक) और छोटा बेटा गुरजंट सिंह है। जसवीर वाहन चलाता था। इसी साल फरवरी माह में वह पंजाब नौकरी करने चला गया था। वहीं, पर रहकर गाड़ी चलाता था। छोटा बेटा परिवार के साथ रहता। अभी एक सप्ताह पहले ही वह परिवार से मिलने घर आया था।यहां वह तीन दिन तक रूका।
उसके बाद चला गया था। फोन पर परिवार से बातचीत होती रहती थी। पंजाब से कंटेनर लेकर रवाना हुआ जसवीर अपने ही पैतृक जनपद में पहुंचने के बाद हादसे का शिकार हो गया। उसकी जान चली गई। सुबह तड़के इसकी सूचना पहुंची तो परिवार मे चीख पुकार मच गई। जवान बेटे की मौत पर परिजन का रोकर बुरा हाल रहा। जसवीर के मरने की पुष्टि परिवार वालों और रिश्तेदारों ने की।
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