अयोध्या: सरयू का जलस्तर थमा…लेकिन बाढ़ पीड़ितों की बढ़ी दुश्वारियां

अयोध्या। सरयू नदी का जल स्तर थमा गया है लेकिन बाढ़ से प्रभावित गांव के लोग बन्धे पर खुले आसमान के नीचे शरण लिए हुए हैं जहां जहरीले जानवरों का भी भय सताता है। अब तक प्रशासन की तरफ से कोई भा सहायता इनको नहीं मिली है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सलेमपुर के मांझीलाल निषाद, निबंर …
अयोध्या। सरयू नदी का जल स्तर थमा गया है लेकिन बाढ़ से प्रभावित गांव के लोग बन्धे पर खुले आसमान के नीचे शरण लिए हुए हैं जहां जहरीले जानवरों का भी भय सताता है। अब तक प्रशासन की तरफ से कोई भा सहायता इनको नहीं मिली है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सलेमपुर के मांझीलाल निषाद, निबंर निषाद, हीरालाल निषाद, जवाहर लाल निषाद, रामनिरंजन, रामपाल निषाद, भोला निषाद, गंगा राम निषाद, शंकर निषाद, रामदेव यादव, केशो राम यादव, पंच लाल, किशन लाल, रोशन लाल राम अवतार, राकेश निषाद ने बताया कि घरों में बाढ़ का पानी भर गया।
अनाज भूसा समेत घर गृहस्थी का सारा सामान उसी में डूब कर बर्बाद हो गया। बंधे पर आकर दो दिनों से रह रहे हैं जहां दिन में धूप और रात को ओस की मार झेल रहे हैं। रात को सर्प और बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों का भी डर बना रहता है। पालतू जानवरों को चारा नहीं मिल पा रहा है जिससे जानवर भूखे हैं। पिपरी संग्राम के साधु निषाद, गुड्डू, बिहारी, गब्बर, जगदीश बताते हैं कि आदमी का काम तो किसी तरह चल रहा है लेकिन जानवर चारे के अभाव में भूखे हैं।
प्रशासन की तरफ से अभी तक कुछ नहीं हुआ। लेखपाल और ग्राम प्रधान आए थे सिर्फ आश्वासन देकर ही चले गए। मुड़ाडीहा के प्रधान गया प्रसाद यादव ने बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए प्रशासन से पन्नी और जानवरों के लिए चारे की मांग किया है। मुड़ा डीहा के लेखपाल रामदेव ने बताया कि कोटेदार राशन की व्यवस्था कर रहे हैं जिससे कोई भी बाढ़ पीड़ित परिवार भूखा ना रहे। पन्नी और जानवरों के चारे के लिए अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है।