बरेली: झमाझम बारिश के बीच अदा की गई उर्स-ए-शराफती के कुल की रस्म

बरेली, अमृत विचार। सोमवार को झमाझम बारिश के बीच उर्स-ए-शराफती का समापन हो गया। ठीक 11 बजे कुल की रस्म अदा की गई। सुबह से ही हो रही बारिश ने जायरीन को थोड़ा परेशान किया। लेकिन फिर भी काफी संख्या में लोग शामिल होने के लिए पहुंचे थे। कुल के दौरान मुल्क की सलामती, खुशहाली …
बरेली, अमृत विचार। सोमवार को झमाझम बारिश के बीच उर्स-ए-शराफती का समापन हो गया। ठीक 11 बजे कुल की रस्म अदा की गई। सुबह से ही हो रही बारिश ने जायरीन को थोड़ा परेशान किया। लेकिन फिर भी काफी संख्या में लोग शामिल होने के लिए पहुंचे थे। कुल के दौरान मुल्क की सलामती, खुशहाली और अमन के लिए खुसूसी दुआ की गई। खानकाह स्थित मेहमानखाने पर पीरो मुरशित सकलैन मियां की सरपरस्ती में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि सोमवार को शराफत अली मियां 54 वें उर्स चौथे और अंतिम दिन की शुरूआत फजर की नमाज के बाद कुरानख्वानी से हुई। झमाझम बारिश के बीच जायरीन का दरगाह पर पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। बारिश के कारण खानकाह के मेहमान खाने में सुबह आठ बजे तकरीरी कार्यक्रम हुआ। मुंतखब अहमद नूर ने सदारत की और मुख्तार सकलैनी तिलहरी ने निजामत की। कार्यक्रम में आए अल्लामा अजीज मुजद्दिदी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि शरीयत पर पाबंदी के साथ अमल करें और अपने पीर से सच्ची पक्की मुहब्बत के साथ उनके बताए हुए रास्ते पर चलें। वहीं हसीब रौनक, आमिल ककरालवी, मौलाना अनवार, आकिब सकलैनी, फैजान सकलैनी ने नात और मनकबत का नजराना पेश किया। सज्जादानशीन शाह मुहम्मद सकलैन मियां ने कुल की फातिहा पढ़ी।
कुल के बाद मियां हुजूर ने मुसलमानों की इज्जत और हिफाजत समेत मुल्क की खुशहाली, सलामती के लिए दुआ की। उन्होने अपने तमाम मुरीदों को इस्लामी तौर और शरीयत के मुताबिक जिंदगी गुजारने की हिदायत दी। मंच पर मुख्तार तिलहरी, अल्लामा आसिफ मुजद्दिदी, मौलाना रुम्मान सकलैनी, मौलाना असरार, कारी अनवार, जिया सकलैनी, मौलाना जान मुहम्मद आदि मौजूद रहे। वहीं कुल शरीफ की रस्म अदाएगी में मुंतखब अहमद नूर, गाजी मियां, हाफिज गुलाम गौस, सादकैन सकलैनी, सलमान सकलैनी, इंतिखाब सकलैनी, गुलाम मुर्तुजा, मुंतासिब सकलैनी, मुस्तिजाब सकलैनी का सहयोग रहा।