अयोध्या: खड़ी फसलों को तबाह कर रहे छुट्टा पशुओं के झुंड, जिम्मेदारी कुंभकर्णी निद्रा में

अयोध्या: खड़ी फसलों को तबाह कर रहे छुट्टा पशुओं के झुंड, जिम्मेदारी कुंभकर्णी निद्रा में

अयोध्या। पहले बेमौसम बारिश और अब छुट्टा जानवरों ने किसानों का जीना दूभर कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में मवेशियों के आतंक से किसानों के दिन का चैन व रातों की नींद उड़ गई है। गोशालाएं भी अपनी उपयोगिता दर्शाने में असफल हैं। छुट्टा जानवरों को पकड़वाने की जिम्मेदारी उठाने वाले अधिकारी कुंभकर्णी निद्रा में …

अयोध्या। पहले बेमौसम बारिश और अब छुट्टा जानवरों ने किसानों का जीना दूभर कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में मवेशियों के आतंक से किसानों के दिन का चैन व रातों की नींद उड़ गई है। गोशालाएं भी अपनी उपयोगिता दर्शाने में असफल हैं। छुट्टा जानवरों को पकड़वाने की जिम्मेदारी उठाने वाले अधिकारी कुंभकर्णी निद्रा में हैं, जिस कारण किसानों को विवश होकर रात्रि में अपने खेतों की रखवाली करना पड़ रहा है।

खेती मानसून का जुआ है। यह बातें गत दिनों हुई भीषण बरसात ने चरितार्थ कर ही दिया। चार दिनों तक रुक-रुक कर हुई वर्षा से सैकड़ों बीघा धान की फसलें गिर गर्इं और गन्ना समेत अन्य फसलें भी प्रभावित हुईं। किसानों ने जद्दोजहद करके कुछ फसलें तो बचा लीं, लेकिन उन्हें छुट्टा जानवरों से बचाने में उनकी हालत खराब हो जा रही है।

अमानीगंज विकास खंड के मोहली, कोटिया, अमावासूफी, रायपट्टी व गहनाग आदि गांवों में दर्जनभर से अधिक की संख्या में छुट्टा पशु फसलों को खाकर न सिर्फ अपनी भूख मिटा रहे हैं, बल्कि किसानों को भुखमरी की कगार पर ला दे रहे हैं। कोटिया गांव निवासी गंगा यादव ने बताया कि उनकी फसलें जानवरों ने चर ली, जिससे वे भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। रामनगर अमावा सूफी निवासी किसान गिरजा प्रसाद शुक्ल की तीन बीघा धान की फसलें सांडो का चारा बन गया है।

रात रात भर जाग कर खेतों की रखवाली करना किसानों के लिए आम बात बन गई है। किसानों का कहना है कि सरकार एक तरफ जहां छुट्टा पशुओं की व्यवस्था करने में फेल हो गई है वहीं अब सरकार को साडों से तबाह हुई फसल की जांच करवाकर क्षति का आकलन करते हुए पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाया जाना चाहिए।