बरेली: लोक संस्कृति ‘सिमरा-सिमरिया’ की शादी को पुनर्जीवित किया

बरेली, अमृत विचार। वर्चस्व वेलफेयर सोसायटी की संस्थापिका प्रमिला सक्सेना ने जयवीर सिंह गंगवार, शोभित सागर, राजू के विशेष सहयोग से बरेली की भूली लोक संस्कृति ‘सिमरा-सिमरिया’ की शादी को पुनर्जीवित करने की शुरुआत की है। गुरुवार को मठ लक्ष्मीपुर रोड पर अवध धाम विस्तार में प्रमिला ने भगवान शिव-पार्वती के प्रतीक सिमरा-सिमरिया के स्वरूपों …
बरेली, अमृत विचार। वर्चस्व वेलफेयर सोसायटी की संस्थापिका प्रमिला सक्सेना ने जयवीर सिंह गंगवार, शोभित सागर, राजू के विशेष सहयोग से बरेली की भूली लोक संस्कृति ‘सिमरा-सिमरिया’ की शादी को पुनर्जीवित करने की शुरुआत की है। गुरुवार को मठ लक्ष्मीपुर रोड पर अवध धाम विस्तार में प्रमिला ने भगवान शिव-पार्वती के प्रतीक सिमरा-सिमरिया के स्वरूपों को स्वयं सजाकर एवं पिंडों (मिट्टी) से दीवार पर मालिन बनाकर शरदीय नवरात्रि के प्रथम दिन स्थापना की।
मोहल्ले की महिलाओं ने भजन-कीर्तन भी किया। सप्तमी तक फूल, पूजा-अर्चना के बाद अष्टमी के दिन नौ गूर्जरियों का विवाह करवाया जाएगा। जिन्हें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का स्थान दिया है। इसके बाद नवमी को उद्यापन कर ये प्राचीन लोक-संस्कृति संपन्न होगी।
उन्होंने बताया कि लगभग 35 वर्ष पूर्व बरेली में सिमरा-सिमरियों के विवाह का खूब प्रचलन था लेकिन धीरे-धीरे आधुनिकता की चकाचौंध में यह लोक संस्कृति विलुप्त होती चली गयी। कार्यक्रम में मुरारी सिंह, वीरपाल सिंह, आदित्य, लता, निशा व लक्ष्मी आदि मौजूद रहीं।