मुरादाबाद: मॉडीफाइड साइलेंसर पर नहीं लग रही लगाम, इस माह अभी तक बाइक का नहीं हुआ चालान

मुरादाबाद: मॉडीफाइड साइलेंसर पर नहीं लग रही लगाम, इस माह अभी तक बाइक का नहीं हुआ चालान

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर में मॉडीफाइड साइलेंसर लगी बाइक ‘फायर’ की आवाज करती हुई फर्राटा भर रही हैं। इन पर कार्रवाई करने वाली पुलिस और आरटीओ प्रवर्तन की टीम अपना चेकिंग का कोटा पूरा करने के बाद शांत बैठी है। एक साल पहले एसएसपी रहे अमित पाठक ने इनके खिलाफ अभियान चलवाया था। मॉडीफाइड साइलेंसर …

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर में मॉडीफाइड साइलेंसर लगी बाइक ‘फायर’ की आवाज करती हुई फर्राटा भर रही हैं। इन पर कार्रवाई करने वाली पुलिस और आरटीओ प्रवर्तन की टीम अपना चेकिंग का कोटा पूरा करने के बाद शांत बैठी है। एक साल पहले एसएसपी रहे अमित पाठक ने इनके खिलाफ अभियान चलवाया था।

मॉडीफाइड साइलेंसर लगी बाइकों की आवाज के कारण लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। अचानक फायर जैसी आवाज होने के कारण सड़क पर चल रहे लोग घबरा जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना की संभावना भी हो जाती है। महानगर के दिल्ली रोड, पीली कोठी के पास बाइकों में मॉडीफाइड साइलेंसर लगाने का कार्य किया जाता है।

दो से तीन हजार रुपये खर्च करने के बाद ही तेज आवाज करने वाला साइलेंसर बुलेट में लग जाता है। इसे चलाने वाले अधिकांश युवा ऐसे स्थान पर ज्यादा आवाज करते हैं, जहां भीड़-भाड़ ज्यादा हो। सड़क पर चलते समय अचानक तेज आवाज होने से अन्य वाहन चालक सकपका जाते हैं और कई बार वह गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।

एकांतता के अधिकार का हनन: हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कुछ रोज पहले ही मॉडीफाइड साइलेंसर के कारण होने वाली असुविधा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे इसे एकांतता के अधिकार का हनन करार दिया है। साथ ही लोगों की आजादी में खलल डालने वाला कार्य भी बताया।

नाइट पॉल्यूशन फैलाने पर 10 हजार का चालान
पुलिस या आरटीओ प्रवर्तन की टीम ऐसी बाइकों की नहीं छोड़ती है। पीटीओ अनिल कुमार ने बताया कि ऐसी बाइकों का दो तरह से चालान होता है। नाइट पॉल्यूशन में दस हजार रुपये का तथा पॉल्यूशन कास एक हजार रूपये का चालान अलग से होता है। आरटीओ प्रवर्तन टीम ने भी पिछले माह ऐसी बाइकों के 14 चालान किए।

दिल्ली रोड एवं पीली कोठी के पास लगते हैं मॉडीफाइड साइलेंसर
दिल्ली रोड पर साइलेंसर मॉडीफाइड करने वाले मिस्त्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बाइक के अंदर जो साइलेंसर लगा होता है। उसके अंदर आवाज कम करने के लिए जाली लगाई जाती हैं। इन जालियों को हटाकर उसके अंदर ऐसे कल पुर्जे फिट किए जाते हैं कि साइलेंसर ज्यादा आवाज करने लग जाता है। अन्य बाइक की अपेक्षा बुलेट में ज्यादा मॉडीफाइड साइलेंसर लगवाते हैं।

ह्रदय रोगियों के लिए यह सबसे ज्यादा खतरनाक है। अचानक तेज आवाज होने के कारण हार्ड अटैक हो सकता है। साथ ही वृद्धजनों को भी तेज आवाज के कारण परेशानी होती है। सबसे ज्यादा परेशानी अचानक हुई आवाज से होती है। इससे लोगों की श्रवण शक्ति पर भी असर पड़ता है। कई बाद थोड़ी देर के लिए तो लोग सुनना तक बंद कर देते हैं।- अमित रस्तोगी, ह्रदय रोग विशेषज्ञ

एक साल पहले एसएसपी अमित पाठक ने तेज आवाज करने वाली बुलट पर प्रतिबंध के लिए अभियान चलाया था। इस दौरान करीब 41 बाइकों का चालान हुआ। इसके बाद किसी भी बाइक का चालान नहीं हुआ है।
अशोक कुमार, एसपी ट्रेफिक

पिछले माह करीब 14 बाइकों का चालान किया था। इस माह किसी बाइक का चालान नहीं हुआ है। बाइकों में साइलेंसर न लगे इसके लिए सभी डीलरों के साथ बैठक भी की थी। साथ ही उन्हें चालान की चेतावनी भी दी थी।
अनिल कुमार, यात्री/मालकर अधिकारी