औरैया: कोरोना के बीच संक्रामक रोगों ने पसारे पैर, आम जनमानस परेशान

औरैया। पिछले 2 वर्ष से कोविड-19 से परेशान हो चुकी जनता के अलावा व्यापारी, मजदूर, किसान, श्रमिक व बेरोजगार एन केन प्रकारेण अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींच रहा है। कोरोना से निजात मिलने पर अब उपरोक्त लोग कुछ राहत की सांस ली ही रहे थे कि उनके सामने संक्रामक रोगों ने पैर पसारने शुरू कर …
औरैया। पिछले 2 वर्ष से कोविड-19 से परेशान हो चुकी जनता के अलावा व्यापारी, मजदूर, किसान, श्रमिक व बेरोजगार एन केन प्रकारेण अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींच रहा है। कोरोना से निजात मिलने पर अब उपरोक्त लोग कुछ राहत की सांस ली ही रहे थे कि उनके सामने संक्रामक रोगों ने पैर पसारने शुरू कर दिए। जिसके चलते शहरी क्षेत्रों को छोड़करर ग्रामीणांचलों में भी संक्रामक रोग तेजी से पनप रहे हैं। इसी के चलते निजी क्लीनिको के अलावा सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ती ही जा रही है।
जिससे आम जनमानस काफी परेशान है क्योंकि एक और उसके सामने रोजी रोटी का संकट है। वहीं दूसरी ओर बीमारियां तंग किए हुए हैं।कोरोना महामारी के चलते विगत 2 वर्षों से आम जनमानस हतोत्साहित हो चुका है। इसी के चलते व्यापारियों, मजदूरों, किसानों, श्रमिको व बेरोजगारों को कमाने खाने के लाले पड़े हुए हैं। इसके साथ ही तमाम लोगों की रोजी रोजगार में बड़ी गिरावट आई है। जिसके चलते उन्हें अपने परिवार की 2 जून की रोटी कमाने की लाले पड़ रहे हैं।
खासकर मध्यम वर्ग के लोग व रोज कमाने खाने वाले किसी तरह से अपने परिवार के उदर भरण के लिए गृहस्थी की गाड़ी खींच रहे हैं। ऐसे समय में संक्रामक रोग डेंगू,मलेरिया, टाइफाइड,ज्वर आदि ने पांव पसार रखे हैं। जिसके चलते शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीणांचलों में भी बीमारियों का प्रकोप साफ तौर पर देखा जा सकता है।इसी के चलते निजी चिकित्सकों के क्लिनिको तथा सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है।
इसी के चलते स्थानीय 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं 100 शैय्या युक्त जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। औरैया अस्पताल में दैनिक रूप से 300 से लेकर 400 मरीजों के पर्चे बनते हैं , तथा उन्हें चिकित्सकों के अनुसार ओपीडीसी दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है। जिला चिकित्सा प्रशासन मरीजों की इलाज के लिए पूरी तरह से सक्रिय है इसी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रामक रोगों की दैनिक रूप से जांच की जा रही है।