लखनऊ: प्राइमरी स्कूल के बच्चे अब नहीं पहन सकेंगे खादी ड्रेस..जानें

लखनऊ। राजधानी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्राइमरी स्कूलों के बच्चे खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से मुहैया कराई जाने वाले खादी ड्रेस नहीं पहन सकेंगे। कारण यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड से खादी ड्रेस की खरीद बंद कर दी है। अभिभावकों को ड्रेस देने के बजाय अब उनके खातों में नकद …
लखनऊ। राजधानी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्राइमरी स्कूलों के बच्चे खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से मुहैया कराई जाने वाले खादी ड्रेस नहीं पहन सकेंगे। कारण यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड से खादी ड्रेस की खरीद बंद कर दी है। अभिभावकों को ड्रेस देने के बजाय अब उनके खातों में नकद रकम दी जा रही है। खादी बोर्ड ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग की शरण ली है
बोर्ड सूत्रों के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट वर्ष 2019-2020 शुरू हुआ था। पहले चरण में चार जिले लखनऊ, सीतापुर, बहराइच व मिर्जापुर चयनित हुए थे। इन जिलों के छह ब्लॉकों के प्राइमरी स्कूलों को चयनित किया गया। 902 विद्यालयों के बच्चों को खादी की ड्रेस मुहैया कराई गई। वर्ष 2020-21 में आठ जिलों का चयन किया गया।
इनमें लखनऊ के अलावा सीतापुर, एटा, कानपुर, शामली, मुरादाबाद, अंबेडकरनगर व वाराणसी शामिल थे। इस दौरान 1335 जिलों स्कूलों में खादी ड्रेस उपलब्ध कराई गई। साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत खादी वस्त्रों की बिक्री को प्रोत्साहन मिल रहा था, पर सरकार के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने खादी ड्रेस लेना बंद कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर योजना के तहत अब अभिभावकों के खाते में ड्रेस की रकम जा रही है। खुले बाजार से ड्रेस लेने को कहा गया है। इस सिलसिले में खादी ग्रामोद्योग के योजना अधिकारी विपणन अनिल कुमार सिंह ने स्कूलों में ड्रेस की खरीद बंद होने पर अब बोर्ड ने ऑनलाइन मार्केटिंग का सहारा लिया है।