बरेली: नरमू के रहते नहीं किया जा सकता रेलवे का निजीकरण
बरेली, अमृत विचार। रेल के निजीकरण के खिलाफ रेलवे यूनियनें लगातार आवाज उठा रही हैं। बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया जिसमें भारत सरकार ने 6 करोड़ रुपये के मुद्रीकरण अभियान के तहत रेलवे की 1,52,496 करोड़ रुपये की मूल्यवान परिसंपत्तियों को बेचने …
बरेली, अमृत विचार। रेल के निजीकरण के खिलाफ रेलवे यूनियनें लगातार आवाज उठा रही हैं। बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया जिसमें भारत सरकार ने 6 करोड़ रुपये के मुद्रीकरण अभियान के तहत रेलवे की 1,52,496 करोड़ रुपये की मूल्यवान परिसंपत्तियों को बेचने का विरोध किया।
इन संपत्तियों में 400 रेलवे स्टेशन, 15 रेलवे स्टेडियम ,90, पैसेंजर ट्रेनें, 256 गुड्स शेड, 741 किलोमीटर कोंकण रेलवे ट्रैक, 673 किलोमीटर डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, 1400 किलोमीटर ओएचई ट्रैक सामग्री ,भारतीय रेलवे कॉलोनी और चार पर्वतीय रेलवे स्टेशन के शामिल हैं। नरमू के पदाधिकारी और सदस्य ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर इकट्ठा हुए।
नरमू के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी ने कहा कि जब तक एआईआरएफ और नरमू है तब तक रेलवे का निजीकरण संभव नहीं। एससी एसटी एसोसिएशन के जोनल प्रेसिडेंट ने बताया कि अगर आज हम रेलवे की परिसंपत्तियों को बेचे जाने का विरोध नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।
इस दौरान एचएमएस के महामंत्री एसपी मिश्रा, मण्डल अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह मलिक, आयकर विभाग के रवींद्र, ताजुद्दीन, रईस अहमद, राजेश लाल, रोहित कुमार, वर्कशाप मण्डल मंत्री राम किशोर, ब्रजपाल, परवेज अहमद, पीके दुबे, जगवीर सिंह यादव, आरके पाण्डेय, नूतन प्रकाश, जगदीश कुमार, आराम सिंह, एनसी पंत, सोमनाथ बनर्जी, आरके पांडेय, प्रदीप, अभय कुमार सिंह, शेखर लाल गुप्ता,सुरेश कुमार, इन्द्र सक्सेना,राजपाल,संजय त्यागी, मनोज श्रीवास्तव,राजन,संतोष कुमार, नत्थू सिंह राणा,जितेंद्र कुमार, मोहम्मद युनुस,राम कुमार,नरेश पाल,रिया सिंह,शीतल सिंह तथा मीडिया प्रभारी आरिफ हुसैन आदि मौजूद रहे। अंत में यूनियन के पदाधिकारियों ने रेल मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन मण्डल रेल प्रबंधक आशुतोष पंत को सौंपा।