बरेली: सेहत पर महामारी का खौफ बरकरार, बढ़ा बीमा का ग्राफ

बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में स्वास्थ्य को लेकर खुद व अपनों पर खतरा बढ़ा तो लोग भविष्य को लेकर चिंतित होने लगे हैं। इसके चलते बीमा कराने वालों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ने लगा है। एक अनुमान के मुताबिक बीमा के कारोबार में चालीस फीसदी तक उछाल आया है। अधिकतर लोग पॉलिसी ले रहे …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में स्वास्थ्य को लेकर खुद व अपनों पर खतरा बढ़ा तो लोग भविष्य को लेकर चिंतित होने लगे हैं। इसके चलते बीमा कराने वालों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ने लगा है। एक अनुमान के मुताबिक बीमा के कारोबार में चालीस फीसदी तक उछाल आया है। अधिकतर लोग पॉलिसी ले रहे हैं। दिसंबर तक कारोबार में और भी तेजी की संभावना है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की ‘जीवन आरोग्य’ पॉलिसी की बात करें तो इस पॉलिसी में कोविड 19 को भी कवर किया जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक की ‘एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस’ पॉलिसी में भी वर्तमान के हालातों को देखकर कोविड 19 को कवर किया जा रहा है। इसकी प्रीमियम राशि काफी कम है। जिसके चलते लोग इनकी इंक्वायरी व पॉलिसी करवाने में भी रुचि दिखा रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक का बजाज हेल्थ इंश्योरेंस के साथ करार है।
इसके तहत भी लोग कोविड-19 कवर के बारे में पूछ रहे हैं और कैशलेस पॉलिसी की तरफ रुख कर रहे हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों से भी लोग धड़ल्ले से बीमा करा रहे हैं। एलआईसी के प्रशासनिक अधिकारी हरीश सिंधवानी ने बताया कि कोरोना काल में जिस तरह इलाज के नाम पर लोगों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ी। कई लोगों को कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ा। यह स्थिति फिर न बने, इसलिए अन्य बीमा कंपनियों के बजाय सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी पर लोग ज्यादा भरोसा जता रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि निजी बीमा कंपनियों की कैशलेस पॉलिसी में बैंक का बीमा कंपनियों से करार होता है।
कंपनियों के पैनल ने अस्पताल चिन्हित किए होते हैं। ऐसे में उस अस्पताल में इलाज करवाने पर भुगतान नहीं करना पड़ता। पंजाब नेश्नल बैंक के डीजीएम एचएम प्रसाद बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर से लोग अधिक संक्रमित हुए। अब भले ही दूसरी लहर का प्रकोप खत्म हो चुका है, लेकिन तीसरी लहर के आने की डर के कारण एक बार फिर बीमा कराने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
युवाओं में बढ़ी इंश्योरेंस की मांग
भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन बीमा एग्रीगेटर पॉलिसीबाजार के आंकड़ों के मुताबिक जब अप्रैल और मई के दौरान दूसरी लहर चरम पर थी, तब टर्म इंश्योरेंस खरीदने के मामले में 25 से 35 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ गई थी। इसी तरह ऑनलाइन इंश्योरेंस एग्रीगेटर इंश्योरेंस के आंकड़ों की बात करें तो टर्म इंश्योरेंस की खरीदारी पिछले पांच महीने में 60 फीसदी तक बढ़ी।