बरेली: सभी आटो परमिट का ब्योरा तलब, आरसी व परमिट से नाम हटाने में भी हुआ खेल

बरेली: सभी आटो परमिट का ब्योरा तलब, आरसी व परमिट से नाम हटाने में भी हुआ खेल

बरेली, अमृत विचार। संभागीय परिवाहन कार्यालय के बाहर जमे दलाल अंदर के कर्मचारियों और अधिकारियों से मिलकर ही जमकर खेल कर रहे हैं। इसका खुलासा 1269 आटो का पंजीकरण एक ही नाम पर होने के बाद सामने आया। अब बताया जा रहा है कि आरसी व परमिट जारी करने से लेकर उनके नाम परिवर्तन करने …

बरेली, अमृत विचार। संभागीय परिवाहन कार्यालय के बाहर जमे दलाल अंदर के कर्मचारियों और अधिकारियों से मिलकर ही जमकर खेल कर रहे हैं। इसका खुलासा 1269 आटो का पंजीकरण एक ही नाम पर होने के बाद सामने आया। अब बताया जा रहा है कि आरसी व परमिट जारी करने से लेकर उनके नाम परिवर्तन करने तक के मामले में जमकर खेल किया गया। अधिकारियों ने एक ही हलफनामा व मुख्तयारनामा की फोटोकापी में 950 वाहनों के परमिट व आरसी में फेरबदल कर दिया। इसमें भी मृतक के नाम के दस्तावेज व पार्टनर के नाम में अंतर होने का भी ध्यान नहीं दिया गया।

बता दें कि वाहनों में कई जगह पर फाइनेंस कंपनी की ओर से नौकर का वास्तविक नाम दिया गया है तो कुछ जगहों पर उसका नाम दूसरा लिखा हुआ है। वहीं गाड़ी के परमिट व पंजीकरण ट्रांसफर करने में विभागीय अधिकारियों ने इस पर भी अपनी नजरें बंद रखने का काम किया। पूरे प्रकरण की शुरुआत 2005 से हुई जो कि 2015 तक जारी रही।

इस बीच जिले में तैनात रहे अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे रहे। जबकि उनकी नाक के नीचे एक बड़ा काम होता रहा। यही नहीं कई अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद भी उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। नाम हटवाने के नाम पर ऑटो मालिकों से उसके पैसे भी लिए गए। एक ऑटो चालक ने बताया कि फाइनेंस कंपनी ने पहले अपने नौकर को पार्टनर बताया। उसके बाद उसकी मौत होने के बाद दूसरे नौकर को हिस्सेदार बना दिया गया।

कंपनी कई साल तक यही काम करती रही। मामला पकड़ में आने के बाद कंपनी ने आरटीओ के नाम पर उनसे 25 हजार रूपए वसूल लिए। जिस समय यह काम किया गया तो उस दौरान पटल पर तैनात बाबू रामपुर में तैनात है। 2018 में तत्कालीन आरटीओ डा. अनिल कुमार गुप्ता ने मामले को पकड़कर मुद्दे को आरटीए की बैठक में उठाया। तत्कालीन मंडलायुक्त रणधीर प्रसाद ने उसी समय सभी ऐसे पंजीकरण व परमिट को निरस्त कर वास्तविक मालिक के नाम करने के निर्देश दिए थे। मगर कोई कार्रवाई नहीं की। अब मामला संज्ञान में आने के बाद आरटीओ कमल गुप्ता ने सभी आटो परमिट का ब्योरा तलब किया है। एक आरसी व परमिट जिनमें भी दो नाम होंगे उनको निरस्त किया जाएगा।