बरेली: बर्फी और छेने की मिठाई पर आयी फफूंद फिर भी बेच रहे थे

बरेली/बहेड़ी, अमृत विचार। ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में मिठाई बेचने वाले दुकानदार लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की छापेमारी में मिठाई की दुकान पर खराब बर्फी और छेना से बनी मिठाई बेची जा रही थी। बर्फी पर फफूंद जमी हुई थी और छेने से …
बरेली/बहेड़ी, अमृत विचार। ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में मिठाई बेचने वाले दुकानदार लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की छापेमारी में मिठाई की दुकान पर खराब बर्फी और छेना से बनी मिठाई बेची जा रही थी। बर्फी पर फफूंद जमी हुई थी और छेने से बदबू आ रही थी। टीम ने 48 किलो बर्फी और 18 किलो खराब छेने से बनी मिठाई जब्त करते हुए नष्ट कर दी।
छापेमारी से अन्य दुकानदारों में खलबली मच गयी। कई मिठाई कारोबारी दुकान बंद कर भाग खड़े हुए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी भगवती प्रसाद के नेतृत्व में गठित टीम ने बहेड़ी में भोले बाबा की मढ़ी के निकट स्थित न्यू गुप्ता स्वीट्स पर जांच की। दुकानदार से गोदाम चेक कराने को कहा। टीम ने वहां मावा, पनीर व छेना से बनी मिठाई के नमूने लिए।
टीम को गोदाम में तैयार बनी काफी ऐसी मिठाई पकड़ी जिस पर फफूंद जमा थी। नमूने भरने के बाद टीम ने अशुद्ध मिठाई को अपनी मौजूदगी में जमीन में दबा दिया। राशन तथा किराना व्यापारी भी दुकानें बंदकर घरों को चले गये। टीम के वापस लौटने के बाद शाम के वक्त सभी दुकानें फिर खोल ली गईं। छापेमारी के दौरान नायब तहसीलदार कुन्दन सिंह भी साथ रहे।
गोदाम से खोवा, पनीर व छेना से नमूने लिये हैं। खराब मिठाई को जमीन में दबा दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। – राजेश चन्द्र, एसडीएम
गोदामों में एक पखवाड़े से बन रही मिठाई सेहत के लिए नुकसानदायक
रक्षाबंधन पर बिक्री करने के लिए एक पखवाड़े से गोदामों में मिठाई बनाकर संग्रह किया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि मिष्ठान विक्रेताओं ने अगस्त महीने की शुरुआत में ही मावे का अपने गोदामों में जमाव कर लिया था। इतने दिनों पहले बनी मिठाई सेहत के साथ कितना बड़ा नुक़सान कर सकती है। इसको लेकर अधिकारी सजग नहीं दिखे।
त्योहार को लेकर तैयार की गई क्विंटलों मिठाई पहले तो हर विक्रेता के लिए फ्रीजर में रखना संभव नहीं है और अगर कोई व्यवस्था कर भी ले तो भी उसकी शुद्धता बनी नहीं रह सकती। सीएचसी के चिकित्सक केसी जोशी ने बताया कि दूध और मावे से बनी मिठाई तैयार होने के बाद अधिकतम तीन या चार दिनों तक खाने योग्य रहती है, जबकि बेसन से बनी मिठाई पांच छह दिन तक खाई जा सकती है।
दूध की लौज, मोतीचूर का लड्डू, पनीर व दूध के नमूने भरे
रक्षाबंधन त्योहार के अवसर पर दुकानदार ज्यादा मिलावटखोरी करते हैं। कई दिन पहले से मिठाई तैयार करते हैं लेकिन मिठाई की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की कार्रवाई में एक मामला बहेड़ी में सामने आया। बहेड़ी में खराब बर्फी और छेने की बनी मिठाई बेची जा रही थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में गठित टीमों ने कई क्षेत्रों में छापेमारी की। मै लकी स्वीट्स एंड कन्फेक्शनरी फरीदपुर से दूध की लौज, मोतीचूर का लड्डू का एक-एक नमूना भरा। विपिन गुप्ता स्पेलर बुखारा रोड फरीदपुर से सरसों तेल का नमूना, मै फजला स्वीट्स हाउस पीरबहोड़ा से बर्फी का एक नमूना, मै अखलाक स्वीट्स हाउस पीरबहोड़ा से छेना रसगुल्ला का एक नमूना, सेटेलाइट एवं मुरावपुरा से दूध के फुटकर विक्रेताओं से दो नमूने, मै जवाहर स्वीट्स जसौली रोड से रसभरी का एक नमूना, मै गुप्ता स्वीट्स एंड कन्फेक्शनरी बहेड़ी से एक खोया, एक छेना और एक पनीर का नमूना संग्रह किया।
सिकलापुर से नारियल की बर्फी का नमूना भरा। सभी संग्रहित नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। जिला अभिहित अधिकारी धर्मराज मिश्र ने बताया कि आमजन को सुरक्षित खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए मिलावटखोरी के विरुद्ध कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी।
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