सीएम योगी ने नवनियुक्त शिक्षकों को प्रदान किया नियुक्ति पत्र, कहा- समाज के उत्थान में शिक्षक की…
लखनऊ। मध्यमिक शिक्षा परिषद के कॉलेजों में नवनियुक्त शिक्षकों व प्रवक्ताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 2846 शिक्षकों व प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने उन्हें गुरू की भूमिका में संबोधित भी किया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) …
लखनऊ। मध्यमिक शिक्षा परिषद के कॉलेजों में नवनियुक्त शिक्षकों व प्रवक्ताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 2846 शिक्षकों व प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने उन्हें गुरू की भूमिका में संबोधित भी किया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पहली बार चयनित इन शिक्षकों और प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र पत्र दिया गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खुद एक गुरू भूमिका में नए शिक्षकों को पाठ पढ़ाते नजर आये। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि समाज के उत्थान में शिक्षक की अहम भूमिका होती है, लेकिन शिक्षक भी जब विद्यार्थी भाव में रहेंगें तो वह योग्य शिक्षक बने रहेंगे, इसलिए शिक्षक को हमेशा सीखते रहने की कोशिश करते रहना चाहिए। गुरूवार को इस मौके पर कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, राज्यमंत्री गुलाब देवी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला भी उपस्थित थीं।
बिना किसी सिफारिश के हुई भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार साल में प्रदेश में डेढ़ लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है लेकिन एक भी सिफारिश में भर्ती नहीं हुई, भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनाई गयी ताकि पात्र अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सके। उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि ईमानदारी से कृतित्व करेंगे तो छात्र की कृतज्ञता पाएंगे और विद्यार्थी का भविष्य अपनी लापरवाही से खराब करेंगे तो कोसे जाएंगे।
2017 के पहले अभ्यर्थियों को मिलती थी निराशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले योग्यता होने के बावजूद अभ्यर्थियों को निराशा मिलती थी। तब पारदर्शी व्यवस्था नहीं थी। ईमानदारी का अभाव था। तब सभी प्रकार की चयन प्रक्रिया में बेईमानी और भ्रष्टाचार का घुन लग जाता था, नव जवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रखा था और अंततः व्यक्ति को हताश और निराश होकर चुपचाप बैठना पड़ता था, लेकिन वर्ष 2017 के बाद भर्तियों में चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। इन 53 महीनों के दौरान सरकार ने अब साढ़े चार लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी विभिन्न विभागों में दी गई है।
कार्यकाल पूरा होने तक पांच लाख लोगों को नौकरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन साढ़े चार वर्षों से प्रदेश साढ़े चार लाग नौजवानों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। ऐसा किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ होगा। जब इस सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल पूरे हो रहे होंगे तब तक पांच लाख नौजवानों को सरकारी नौकरियां दे दी जाएंगी।
शासन की सभी योजनाओं की रखे जानकारी
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों को सुझाव देते हुए कहा कि आप सभी शासन की योजनाओं की भी जानकारी रखें। आपको जानकारी होगी तो छात्र जानेंगे, तभी वह उनका लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ—साथ जागरूकता में भी शिक्षकों का अहम रोल होता है।
पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार चरम पर था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर भर्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि तब वंशवाद और जातिवाद चलता था, बहुत से ऐसे होंगे जो कई प्रतियोगी परीक्षाएं दे चुके होंगे। योग्य होते हुए भी तब भ्रष्टाचार की वजह से चयनित नहीं हो सके। अब स्थिति यह है कि प्रवेश पत्र से नियुक्ति पत्र लेने तक किसी को सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ी होगी।