सोलर लाइट घोटाले में जिले के चार BDOP समेत छह अधिकारी निलंबित

सोलर लाइट घोटाले में जिले के चार BDOP समेत छह अधिकारी निलंबित

सिरसा। हरियाणा के सिरसा में विकास एवं पंचायत विभाग ने चार बीडीपीओ, एक कनिष्ठ अभियंता और सौर ऊर्जा विभाग के तकनीकी सहायक सहित छह कर्मचारियों को निलंबित किया है। इन पर जिलों के विभिन्न गावों में सोलर लाइट लगाने के मामले में लगभग पांच करोड़ रुपये के गबन का आरोप सामने आये हैं। पंचायत विभाग …

सिरसा। हरियाणा के सिरसा में विकास एवं पंचायत विभाग ने चार बीडीपीओ, एक कनिष्ठ अभियंता और सौर ऊर्जा विभाग के तकनीकी सहायक सहित छह कर्मचारियों को निलंबित किया है। इन पर जिलों के विभिन्न गावों में सोलर लाइट लगाने के मामले में लगभग पांच करोड़ रुपये के गबन का आरोप सामने आये हैं। पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी पत्र संख्या 554-2इसीडी-1-2022/1649 के तहत जारी आदेश संबधित विभागों को प्रेषित किए गए हैं।

गौरतलब है कि बीडीपीओ रवि कुमार और ओम प्रकाश आज ही रिटायर होने थे, उसके एक रोज पहले उन्हें निलंबित कर दिया गया। पंचायत विभाग के एक साथ चार बीडीपीओ निलंबित होने से दिन भर विभाग में अफरातफरी मची रही। पत्र के अनुसार निलंबित किए गए पांच अधिकारियों में सिरसा के नाथूसरी चौपटा खंड के बीडीपीओ विवेक कुमार, रानियां के खंड बीडीपीओ अनिल कुमार, ओढ़ां के खंड बीडीपीओ ओमप्रकाश और सिरसा खंड के बीडीपीओ रविकुमार तथा कनिष्ठ अभियंता दिनेश कुमार हैं।

इसके अलावा पंचायत विभगा ने सिरसा अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के सौर ऊर्जा शाखा मेंं कार्यरत तकनीकी सहायक सुभाष चंद्र को भी निलंबित करते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही के लिए लिखा है। सुभाष चंद्र ने ही गावों में लगी सौर ऊर्जा लाइटों की गुणवता का प्रामण-पत्र जारी किया था। ज्ञातव्य है कि फरवरी 2021 में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद पंचायती शक्तियां प्रशासन के पास आ गईं थी।

इसी को लेकर बीडीपीओ को उसके लिए प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया। उसके बाद से सिरसा जिला के रानियां, ओढ़ा, सिरसा और नाथूसरी चौपटा खंडों में करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से हाई मास्क सोलर लाइट लगवाई गई। हाई मास्क सोलर लाइट की कीमत करीब 98 हजार रुपये जीएसटी सहित दर्शायी गई। आरोप हैं कि खरीद बीडीपीओ ने बिना किसी वित्तीय एवं प्रशासनिक मंजूरी के की। बड़े स्तर पर हुए गबन की शिकायत जैसे ही पंचायती राज विभाग के उच्चाधिकारियों को लगी तो मामले की जांच विभाग की आंतरिक विजिलेंस विंग से करवाने का आदेश पारित किए गए।

चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय के कार्यकारी अभियंता, वरिष्ठ लेखाधिकारी और कनिष्ठ अभियंता की एक टीम बनाई गई और जांच के लिए सिरसा भेजा गया। इस जांच में गबन सामने आने पर विभाग ने इन अधिकारियों को सस्पेंड कर चंडीगढ़ मुख्यालय हाजिरी देने का लिखा है। इस संदर्भ में जब सिरसा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल हुड्डा ने बताया कि सुनने में तो आया है लेकिन अभी तक उन्हें कोई पत्र नहीं मिल पाया है।

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