पीलीभीत: सपा से टिकट मांगा..भाजपा को लड़ाया..सुरक्षागार्ड ने मंच से गिराया

पीलीभीत: सपा से टिकट मांगा..भाजपा को लड़ाया..सुरक्षागार्ड ने मंच से गिराया

अमृत विचार, पीलीभीत। तीन दिन पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव की चुनावी सभा के बाद सोशल मीडिया पर एक छुटभैये नेता जी की फजीहत की चर्चा जोरों पर है। पहले यह नेताजी विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए सपा से टिकट मांग रहे थे। जब टिकट नहीं मिला तो दिखावे के लिए सपा की टोपी …

अमृत विचार, पीलीभीत। तीन दिन पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव की चुनावी सभा के बाद सोशल मीडिया पर एक छुटभैये नेता जी की फजीहत की चर्चा जोरों पर है। पहले यह नेताजी विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए सपा से टिकट मांग रहे थे। जब टिकट नहीं मिला तो दिखावे के लिए सपा की टोपी लगाकर फील्ड में घूमने लगे। मगर, अपनी सीट से पूरा चुनाव भाजपा प्रत्याशी को लड़ाया।

जब पीलीभीत में सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनावी सभा को संबोधित करने आए तो स्वयं को पक्का सपाई दिखाने के लिए एक मुरादाबादी नेता का हाथ पकड़कर उनके मंच पर चढ़ गए और पूर्व सीएम के साथ सेल्फी लेने की कोशिश करने लगे। जैसे ही सिक्योरिटी की नजर उन पर पड़ी तो गार्डों ने नेताजी को धक्का देकर मंच से नीचे गिरा दिया। पीलीभीत में चुनावी सभा करके अखिलेश यादव तो चले गए, मगर नेताजी की फजीहत का यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय अब भी बना हुआ है।

स्वयं को सपा के पूर्व विधायक का रिश्तेदार बताकर ठेकेदारी से राजनीति में आए एक छुटभैये नेताजी ने सुरक्षित विधानसभा सीट से एमएलए के टिकट के लिए आवेदन किया था। इसके लिए मुरादाबाद के सपा नेता को दो करोड़ रुपये देने की चर्चा भी सोशल मीडिया पर चली थी। हालांकि यह चर्चा कितनी सच थी और कितनी झूठ, यह तो नेताजी ही जानें, लेकिन मुरादाबादी नेताजी से इन छुटभैये नेता की नजदीकियां जगजाहिर हैं, यह बात सब जानते हैं।

सपा के टिकटों की जब घोषणा की गई तो छुटभैये नेताज के सारे जुगाड़ फेल निकले और उन्हें मायूसी हाथ लगी। बहरहाल, नेताजी को टिकट तो नहीं मिल पाया, लेकिन वह अपना आगे तक का जुगाड़ सेट करने में लग गए। इसके लिए मुरादाबादी नेता के पास जाकर ऊपर तक का हिसाब बनाया। 19 फरवरी को ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुनावी सभा थी। उसमें मुरादाबादी नेता अपने साथ इन छुटभैये नेता को भी लेकर मंच पर चढ़ गए।

मुरादाबादी नेता ने कर्ज उतारते हुए उस सूची में छुटभैये नेता का नाम भी लिखवा दिया, जिसे देखकर अखिलेश यादव को मंच से स्थानीय नेताओं के नाम बोलने थे। पूर्व सीएम ने अन्य स्थानीय सपा नेताओं के साथ इन छुटभैये नेता का नाम भी मंच से ले लिया तो उनके हौसले कुछ ज्यादा ही बुलंद हो गए। वह तुरंत मंच पर ही अपना मोबाइल निकालकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ अपनी सेल्फी लेने लगे।

छुटभैये नेताजी का यह कृत्य अखिलेश यादव के सुरक्षा कर्मियों ने देख लिया। बस, फिर क्या था। सुरक्षा गार्ड ने पूर्व सीएम की सुरक्षा के मद्देनजर छुटभैये नेताजी को धक्का देकर मंच से नीचे फेंक दिया। नेताजी जमीन पर जाकर गिरे। मगर, यहां भी हैरानी की बात यह रही कि वह तुरंत ही उठकर खड़े भी हो गए, ताकि कोई उनको देख न ले। मगर, इस बीच छुटभैये नेताजी के साथ घटित यह घटना अखिलेश यादव की चुनावी सभा कवर करने वाले कैमरों में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर भी चलने लगी।

हालांकि यह नेताजी यहां भी अपनी आदत से बाज नहीं आए और अगले ही दिन पब्लिक के बीच स्वयं को अखिलेश यादव का खास दिखाने के लिए यह फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। मगर, जब फजीहत होने लगी तो खुद ही सोशल मीडिया से यह फोटो हटा भी लिया। फिलहाल, चुनावी मौसम में यह मामला राजनीति से जुड़े लोगों के बीच में बेहद चर्चित है। लोग चटखारे लेकर यह घटना एक दूसरे से साझा करके अपना मनोरंजन कर रहे हैं।

भाजपा को लड़ाया चुनाव
कुछ समय पहले तक सपा से विधानसभा का टिकट मांगने वाले छुटभैये नेता को जब टिकट नहीं मिला तो यह पार्टी के वफादार भी नहीं रहे। उस सीट पर सपा को चुनाव हराने की प्लानिंग में लग गए, जिस पर वह स्वयं टिकट मांग रहे थे। पूरा चुनाव भी अंदरखाने भाजपा को लड़ाया। सूत्रों की मानें तो भाजपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए चंदा भी दिया। मगर, जब अखिलेश यादव पीलीभीत आए तो उनके साथ सेल्फी लेने की कोशिश भी की। फिलहाल, छुटभैये नेताजी दो नावों पर सवारी करने में लगे हैं, ताकि जिसकी सरकार बने, वह उसी पर सवार होकर बिना किसी झंझट के अपनी ठेकेदारी आगे बढ़ा सकें।

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