मुरादाबाद : की-बोर्ड व माउस संग खेल रहे जान लेने वाले हाथ
शीशपाल चौहान, अमृत विचार। जेल की चारदीवारी ने उनके हृदय भी बदल दिए जो बाहरी दुनिया में हत्या जैसा संगीन अपराध कर चुके हैं। जेल जाने के बाद उनका रुख ही बदल गया। लोगों की जान लेने वाली उंगलियां अब की-बोर्ड और माउस पर थिरक रही हैं। जिला कारागार में हत्या की सजा काट रहे …
शीशपाल चौहान, अमृत विचार। जेल की चारदीवारी ने उनके हृदय भी बदल दिए जो बाहरी दुनिया में हत्या जैसा संगीन अपराध कर चुके हैं। जेल जाने के बाद उनका रुख ही बदल गया। लोगों की जान लेने वाली उंगलियां अब की-बोर्ड और माउस पर थिरक रही हैं। जिला कारागार में हत्या की सजा काट रहे पांच कैदियों मोहित, ओमवीर, डबलू, आकाश और संजू पिछले काफी समय से जेल की चारदीवारी में बंद हैं। इनमें से मोहित और ओमवीर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। यहां आने से पहले उनके दिलों में आपराधिक भावनाएं भड़क रही थीं मगर अब ऐसा नहीं है।
जेलर मृत्युजंय पांडे ने बताया कि पांचों हत्यारोपियों ने कंप्यूटर सीखने की इच्छा जताई। इस पर जेल प्रशासन ने उनके लिए कंप्यूटर सिखाने की व्यवस्था कराई। पांचों ने पूरी लगन से काम सीखा। आज यह पांचों कैदी कंप्यूटर पर होने वाले जिला कारागार की जिम्मेदारी बखूबी संभाल रहे हैं। पांचों ने हिंदी और अंग्रेजी की टाइपिंग में महारत हासिल कर ली है। इसके साथ ही उनके व्यवहार में भी काफी परिवर्तन आया है। उनके अंदर हुए इस परिवर्तन को देख परिवार वाले भी असमंजस में पड़ जाते हैं।
जेल में पंखे और सिलाई कर रहीं महिलाएं
जेलर मृत्युंजय पांडे ने बताया कि विभिन्न मामलों में जेल में बंद महिलाएं हाथ के पंखे बना रही हैं। इसके साथ ही कुछ महिलाएं सिलाई भी करती हैं। जबकि कुछ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी बखूबी संभाल रही हैं।
क्षमता से कई गुना हैं कैदी
मुरादाबाद जिला कारागार की क्षमता 717 बंदियों की है। मगर इसमें वर्तमान में क्षमता से कई गुना ज्यादा बंदी हैं। इस समय जिला कारागार में बंदियों की संख्या 3351 है। इनमें 133 महिला बंदी भी शामिल हैं। अमरोहा और संभल में जेल नहीं होने की वजह से इन दोनों जनपदों के बंदी भी इसी जेल में भेजे जाते हैं। जिला कारागार ओवर क्राउड की समस्या से जूझ रही है।
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