MSP कमेटी की पहले दौर की हुई बैठक में चार ग्रुप बनाए गए, इस समिति को संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही कर चुका है खारिज

नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गठित विशेष कमेटी की पहली बैठक सोमवार को हुई। पहली दौर की बैठक में समिति ने मूल्य श्रृंखला विकास और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए अनुसंधान के माध्यम से भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के तहत क्षेत्र विस्तार के लिए कार्यक्रम और योजनाओं पर सुझाव दिए। बैठक में प्राकृतिक …

नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गठित विशेष कमेटी की पहली बैठक सोमवार को हुई। पहली दौर की बैठक में समिति ने मूल्य श्रृंखला विकास और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए अनुसंधान के माध्यम से भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के तहत क्षेत्र विस्तार के लिए कार्यक्रम और योजनाओं पर सुझाव दिए। बैठक में प्राकृतिक खेती की प्रक्रियाओं और उत्पादों के लिए किसान हितैषी वैकल्पिक प्रमाणन और विपणन प्रणाली को सुनियोजित ढंग से लागू करने पर भी सुझाव दिए गए।

वहीं आज दिल्ली में किसानों ने एमएसपी लागू करने सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता वाली समिति की इस बैठक में एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने सहित कई अनिवार्य विषयों पर भी चर्चा की गई। कमेटी की अगली बैठक सितंबर के पहले हफ्ते में हैदराबाद में होगी। पहले दौर की बैठक में कमेटी का एजेंडा और मुख्य विषयों को सभी पक्षों के सामने रखा गया। समिति के एक सदस्य ने जानकारी दी है कि एमएसपी पर समिति ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए चार समूह बनाए हैं।

समिति के सदस्य बिनोद आनंद ने बताया कि, “तीन विषयों पर एक प्रस्तुति दी गई थी, जिसकी जांच और सिफारिश करने के लिए समिति की आवश्यकता है। इस बैठक में किस राज्य सरकार ने अब तक बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही सफल मॉडल को सीखने पर भी चर्चा की गई है।” किसान समूह सीएनआरआई में महासचिव का प्रभार संभाल रहे आनंद ने कहा कि एसकेएम के प्रतिनिधि और नीति आयोग के सदस्य रमेश बैठक में मौजूद नहीं थे।

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही इस समिति को खारिज कर दिया है और अपने प्रतिनिधियों को नामित नहीं करने का फैसला किया है। इसलिए एसकेएम की ओर से कोई भी इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। इस समिति में अध्यक्ष सहित 26 सदस्य हैं और एसकेएम के प्रतिनिधियों के लिए तीन सदस्यता स्लॉट अलग रखे गए हैं।

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