हरदोई: पहले अशरे का पहला जुमा, ‘हर एक को अपनी रहमतों से नवाज दे, या अल्लाह’

हरदोई। रमजान की रहमतों वाले पहले अशरे के पहले जुमें के दिन रोज़ेदारो ने खुदा की बारगाह में हाथ उठा कर और गिड़गिड़ाकर दुआएं मांगी। अल्लाह तआला से हर एक को अपनी रहमतों से नवाज़ने की दुआं की गई। बेशक रमजान में 30 दिनों तक मुसलसल रोजे रखने वाले रोजेदार बंदे अल्लाह को बेहद अजीज …
हरदोई। रमजान की रहमतों वाले पहले अशरे के पहले जुमें के दिन रोज़ेदारो ने खुदा की बारगाह में हाथ उठा कर और गिड़गिड़ाकर दुआएं मांगी। अल्लाह तआला से हर एक को अपनी रहमतों से नवाज़ने की दुआं की गई। बेशक रमजान में 30 दिनों तक मुसलसल रोजे रखने वाले रोजेदार बंदे अल्लाह को बेहद अजीज होते हैं। अल्लाह तआला उनकी हर दुआ को कुबूल करता है। पहले अशरे के पहले जुमें को मस्जिदें नमाजियों से भरी हुई थी।
नमाज़ से पहले उलेमाओं ने रमजान की फजीलतों को बयान किया। उन्होंने कहा कि वैसे तो जुमें खास अहमियत होती है, लेकिन रमज़ान का जुमा तमाम फज़ीलतों वाला होता है। साथ ही बताया कि रमजाज में अल्लाह तआला अपने नेक बंदों के लिए अपनी रहमते भेजता है। नमाज़ के बाद नमाजियों ने खुदा की बारगाह में हाथ उठा कर और गिड़गिड़ाकर दुआएं मांगी। मुल्क की तरक्की, सलामती और बेहतरी के लिए दुआएं मांगी गई।इस दौरान शहर के अलावा गांव-गिरावं की मस्जिदों में काफी भीड़ देखी गई।
ईदुल फितर की तैयारियां शुरू
रमज़ान का पहला अशरा शुरू होते ही ईदुल फितर की तैयारियां शुरू हो गई है। शहर की ईदगाह में साफ-सफाई और रंग-रोग़न किया जा रहा है। अंजुमन इस्लामियां के सदर एडवोकेट मोहम्मद खालिद ने बताया कि कोई कमी न रह जाए,इसका खास ख्याल रखा जा रहा है।
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