दीपावली पर आतिशबाजी : दियों और टिमटिमाती झालरों से जगमगाया शहर

अमृत विचार, बांदा। दीपोत्सव पर लोगों ने अपने घरों में खुशियों के दीप जलाए और जमकर आतिशबाजी की। लोगों ने रिहायशी मकानों के साथ ही अपने जर्जर और खंडहर हो चुके मकानों को भी प्रकाश पर्व पर रोशन किया। शाम को सूरज की किरणें मंद होते ही शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के …
अमृत विचार, बांदा। दीपोत्सव पर लोगों ने अपने घरों में खुशियों के दीप जलाए और जमकर आतिशबाजी की। लोगों ने रिहायशी मकानों के साथ ही अपने जर्जर और खंडहर हो चुके मकानों को भी प्रकाश पर्व पर रोशन किया।
शाम को सूरज की किरणें मंद होते ही शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ लक्ष्मी-गणेश का पूजन अर्चन किया गया और लोगों ने अपने घर-परिवार की सुख समृद्धि और खुशियों का वरदान मांगा। पूजा अर्चना के बाद महिलाओं और बच्चों ने घर के हर कोने में दीप जला कर रोशनी की। इसके बाद शुरू हुआ आतिशबाजी का दौर, जो देर रात तक चला।
सोमवार को प्रकाश पर्व दीपावली समूचे जनपद में बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। बुंदेलखंड में इस पर्व को बड़े ही उत्सुकता के साथ मनाते हैं। वैसे तो वर्ष भर लोग अपने जर्जर और ढह गए पुराने घरों की तरफ नहीं निहारते हैं, लेकिन दीवाली के मौके पर इन जर्जर घरों को भी सजा-संवारकर दुरुस्त किया जाता है।
घरों की साफ-सफाई के बाद हर घर में खुशियों के दीप जलाए गए और धन की देवी मां लक्ष्मी को मनाने के लिए उनकी विधि विधान से आराधना की गई। जगमग दीपकों की रोशनी देखकर ऐसा लगा मानो आसमान के सितारे जमीन उतर आए हों। इसके बाद शुरू हुआ खुशियों का आतिशी नजारा। रंग-बिरंगी आतिशबाजी के बीच तेज आवाज और सतरंगी रोशनी से समूचा आसमान जगमगा उठा।
मिठाई की दुकानों में उमड़ी भीड़
दीवाली का पर्व बगैर मिठाई के अधूरा माना जाता है, मां लक्ष्मी को मनाने के लिए पीले व सफेद रंग की मिठाई अर्पित करना शुभ माना जाता है। शहर के प्रतिष्ठित बासू मिष्ठान भंडार के संचालक अंकित बासू और अभिनव बासू बताते हैं कि दीपावली के त्योहार में लोग एक दूसरे मिठाई व ड्राई फ्रूट्स के गिफ्ट पैक देकर शुभकामनाएं देते हैं।
मोरपंख के साथ चित्रकूट रवाना हुए मौनिहा
बीते दो वर्षों से कोरोना महामारी से उबरने के बाद अबकी बार दीपावली पर्व पर इस बार दीवारी नृत्य करने वाले युवाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला, वर्षों पुरानी परंपरा को निभाने के लिए सोमवार को सैकड़ों मौनिहा हाथों में मोरपंख लेकर भगवान कामतानाथ के दरबार में हाजिरी लगाने को निकल पड़े।
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