दिल्ली उच्च न्यायालय: जिन्हें बताया गया ओमिक्रोन से संक्रमित, उन्हें दी जाए जीनोम रिपोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय: जिन्हें बताया गया ओमिक्रोन से संक्रमित, उन्हें दी जाए जीनोम रिपोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि यदि केंद्र द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है, तो उम्मीद है कि स्थानीय सरकार उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पुन: जांच के मुद्दे पर जल्दी ही विचार करेगी जो यहां आने पर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने …

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि यदि केंद्र द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है, तो उम्मीद है कि स्थानीय सरकार उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पुन: जांच के मुद्दे पर जल्दी ही विचार करेगी जो यहां आने पर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने दिल्ली सरकार से यह भी सवाल किया कि जीनोम अनुक्रमण रिपोर्ट उस रोगी को क्यों नहीं दी जा सकती जिसे ओमीक्रेान स्वरूप से संक्रमित बताया गया था।

अदालत एक मां की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके 18 वर्षीय बेटा ब्रिटेन से यहां आने पर वायरस से संक्रमित पाया गया और उसे पृथकवास के लिए यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अदालत ने कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता के पुत्र की रिपोर्ट निगेटिव आयी और उसे फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी मिल गई। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि हालांकि उनका बेटा अब उनके साथ है लेकिन कई अन्य रोगियों को कई दिनों से विभिन्न अस्पतालों में रखा जा रहा था क्योंकि अस्पताल कोविड​​​​-19 जांच बार-बार नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मां को “जानने का अधिकार” है और इस प्रकार उन्हें अपने बेटे की जीनोम अनुक्रमण रिपोर्ट मिलनी चाहिए। अदालत ने कहा, ”यदि भारत सरकार द्वारा कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह उम्मीद की जाती है कि दिल्ली सरकार इस मामले पर तेजी से विचार करेगी ताकि याचिकाकर्ता के बेटे की तरह अन्य मरीजों को परेशानी नहीं हो। दिल्ली सरकार यह भी बताएगी कि जीनोम जांच रिपोर्ट क्यों नहीं मुहैया कराई जा सकती है।