बेटियां बोझ नहीं वरदान हैं, इसलिए शुरू की ‘लाडली लक्ष्मी योजना’- सीएम शिवराज

बेटियां बोझ नहीं वरदान हैं, इसलिए शुरू की ‘लाडली लक्ष्मी योजना’- सीएम शिवराज

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि बेटियां बोझ नहीं वरदान हैं, इसलिए वर्ष 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की गई। चौहान की गरिमामयी उपस्थिति में यहां आयोजित ‘मां तुझे प्रणाम योजना’ के पुन: शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत वंदेमातरम के साथ हुई। इस अवसर पर खेल मंत्री यशोधरा राजे …

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि बेटियां बोझ नहीं वरदान हैं, इसलिए वर्ष 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की गई। चौहान की गरिमामयी उपस्थिति में यहां आयोजित ‘मां तुझे प्रणाम योजना’ के पुन: शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत वंदेमातरम के साथ हुई।

इस अवसर पर खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चाहते है कि मेरी लाडली लक्ष्मी बेटियां हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करें। हम जैसा सोचते और करते हैं, वैसा बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में हमने लाडली लक्ष्मी बेटी योजना शुरू इसलिए की, कि बेटी बोझ नहीं बेटी वरदान हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मन में कल्पना थी की मध्यप्रदेश की धरती पर बेटी जन्म ले, तो वह लखपति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज दो योजनाओं का संगम है। एक जो मेरे हृदय से निकली है लाड़ली लक्ष्मी योजना और एक ‘मां तुझे प्रणाम योजना’ जो भारत माता के प्रति देशभक्ति का भाव पैदा करने के लिए प्रारंभ की है।

उन्होंने कहा कि आज लाड़ली लक्ष्मी बेटियां वाघा बॉर्डर पर जा रहीं हैं। चौहान ने कहा कि मां तुझे प्रणाम योजना के तहत अपने गांव की माटी ले जाकर सैनिकों का तिलक करेंगे, उनसे चर्चा करेंगे। जब आएंगे तो शहीदों के लहू से पवित्र माटी का तिलक लगाकर आएंगे। हम ये संकल्प भी लें कि जरूरत पड़ी तो मां भारती की रक्षा के लिए सर्वस्व समर्पण कर देंगे।

उन्होंने कहा कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। लाड़ली लक्ष्मी का मतलब है बड़ा लक्ष्य तय करना। आत्मविश्वास से भरा रहना। उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में कल्पना आई थी कि बेटी पैदा हो तो लखपति पैदा हो। आज प्रदेश में 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी बेटियां हैं। भगवान से प्रार्थना हैं कि बेटियों पर कृपा और आशीर्वाद बनाए रखें। इनके पांव में कभी कांटा न लगे, इनकी आंखों में कभी आंसू न आएं।

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