बंबई उच्च न्यायालय ने यातायात पुलिस की हत्या मामले में ऑटो रिक्शा चालक की सजा बरकरार रखी

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने नवंबर 2010 में सड़क नियमों का उल्लंघन करने पर ‘चालान’ करने से नाराज यातायात पुलिस के कांस्टेबल की हत्या करने के आरोपी को दोषी ठहराने और उम्र कैद देने की निचली अदालत की सजा बरकरार रखी है। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ ने मंगलवार को दिए …
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने नवंबर 2010 में सड़क नियमों का उल्लंघन करने पर ‘चालान’ करने से नाराज यातायात पुलिस के कांस्टेबल की हत्या करने के आरोपी को दोषी ठहराने और उम्र कैद देने की निचली अदालत की सजा बरकरार रखी है। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ ने मंगलवार को दिए अपने फैसले में कहा कि वह आरोपी के खिलाफ मौजूद मजबूत सबूतों, प्रत्यशदर्शियों के बयान में निरतंतरता और पीड़ित के मरने से पहले दिए बयान से संतुष्ट है।
पीठ ने इसके साथ ही दोषी महेंद्र कुमार केवट की याचिका खारिज कर दी। दोषी ने अक्टूबर 2012 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने केवट को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। उल्लेखनीय है कि अदालत ने केवट को यातायात पुलिस कांस्टेबल अनिल ऐतवडेकर का हत्या का दोषी ठहराया था
जिन्होंने यातायात नियम का उल्लंघन करने और वाहन का वैध दस्तावेज नहीं दिखाने पर ‘चालान’ किया था। आरोप है कि चालान काटे से जाने से नाराज केवट उस समय तो वहां से चला गया लेकिन कुछ देर बाद वह लौटा और कांस्टेबल पर पेट्रोल छिड़कर उसे आग लगा दी। इस घटना के तीन दिन बाद पुलिस कर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई।
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