बरेली: आने वाला समय आयुर्वेद का ही है: डाॅ. राघवेंद्र
बरेली, अमृत विचार। विश्व आयुर्वेद परिषद एवं रोहिलखंड आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को अग्निकर्म, रक्तमोक्षण एवं मर्म चिकित्सा पर नेशनल वर्कशॉप का आयोजन रोहिलखंड आयुर्वेदिक कॉलेज के सभागार में सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि बिथरी चैनपुर विधायक डा. राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद निश्चित रूप से भविष्य की एक सशक्त …
बरेली, अमृत विचार। विश्व आयुर्वेद परिषद एवं रोहिलखंड आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को अग्निकर्म, रक्तमोक्षण एवं मर्म चिकित्सा पर नेशनल वर्कशॉप का आयोजन रोहिलखंड आयुर्वेदिक कॉलेज के सभागार में सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि बिथरी चैनपुर विधायक डा. राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद निश्चित रूप से भविष्य की एक सशक्त चिकित्सा पद्धति होगी।
बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रति कुलाधिपति डा. अशोक कुमार अग्रवाल और प्रति उप कुलाधिपति डा. किरन अग्रवाल ने कहा कि आयुर्वेद का महत्व अब सारा विश्व जान चुका है। ये पूर्णतः वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है। इसको बस परिमार्जित करने की जरूरत है। कॉलेज के निदेशक डा. विशाल अग्रवाल ने आयुर्वेद की उपयोगिता के बारे में बताया।
कार्यक्रम का आरंभ संस्था के ध्येय गीत से प्रारंभ हुआ। उसके बाद धन्वंतरि वंदना के साथ अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण ऑर्गनाइजिंग सचिव डा. शांतुल गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सचिव डा. सुरेंद्र चौधरी ने विश्व आयुर्वेद परिषद के बारे में विस्तार से लोगों को अवगत कराया। ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डा. डीके द्विवेदी ने तीनों विषयों की सूक्ष्म विवेचना की। बरेली आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डा. डीके मौर्य, विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा. योगेश चंद्र मिश्र ने भी आयुर्वेद की प्रासंगिकता पर चर्चा की।
उद्घाटन सत्र के बाद रक्तमोक्षण की वर्कशॉप नई दिल्ली से आए डा. महेश कुमार ने, मर्म चिकित्सा की वर्कशॉप उत्तराखंड से आए डा. मो. शाहिद ने और अग्निकर्म की वर्कशॉप संयुक्त रूप से डा. राकेश सिंघल एवं डा. डीके द्विवेदी ने प्रस्तुत की। डा. विशाल अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।
गंगाशील के प्राचार्य डा. सुशांत साहू, रुहेलखंड आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डा. मुकेश सक्सेना, फर्रुखाबाद आयुर्वेदिक कॉलेज के डा. मंजूनाथ, रोहिलखंड आयुर्वेदिक कॉलेज के डीन डा. आरके तिवारी, हेड डा. एचएस राय ने आयुर्वेद के नियमों के बारे में बताया। डा. सतीश चंद्रा, डा. पारुल, डा. नितिन शर्मा, पीलीभीत के डा. रमेश गुप्ता, एमिल कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट और आरएसएम के शैलेंद्र आदि का विशेष सहयोग रहा।
डा. जेपी पांडेय, डा. राजीव सक्सेना, डा. ज्ञानदेव शर्मा, डा. रामबाबू प्रजापति, डा. वीरेंद्र जैसवार, डा. उज्मा, डा. दीपशिखा शर्मा, डा. सूर्य प्रकाश, डा. माया प्रकाश, डा.अरुण, डा. शाहबाज, डा. सौरभ सहित 350 छात्र उपस्थित रहे। संचालन डा. रञ्जन विशद ने किया।
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