बरेली: सक्षम न्यायालय की अनुमति के बिना नहीं बेच सकेंगे सोसाइटी की अचल संपत्ति

बरेली: सक्षम न्यायालय की अनुमति के बिना नहीं बेच सकेंगे सोसाइटी की अचल संपत्ति

बरेली, अमृत विचार। सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम 2021 में हुए बदलाव से सोसाइटी की अचल संपत्तियों को अब चोरी छुपे नहीं बेचा जा सकेगा। ऐसा करने वालों के लिए बड़ा झटका लगा है। इस अधिनियम के अधीन राष्ट्रीयकृत किसी सोसाइटी के पदाधिकारी बिना सक्षम न्यायालय की अनुमति लिए अचल संपत्ति को नहीं …

बरेली, अमृत विचार। सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम 2021 में हुए बदलाव से सोसाइटी की अचल संपत्तियों को अब चोरी छुपे नहीं बेचा जा सकेगा। ऐसा करने वालों के लिए बड़ा झटका लगा है। इस अधिनियम के अधीन राष्ट्रीयकृत किसी सोसाइटी के पदाधिकारी बिना सक्षम न्यायालय की अनुमति लिए अचल संपत्ति को नहीं बेच सकेंगे।

संपत्ति बेचने के लिए पूर्व सक्षम न्यायालय से अनुमोदन लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि सोसाइटी की अचल संपत्ति का विक्रय बिना सक्षम न्यायालय की पूर्व अनुज्ञा के किया जाता है ताे विधि सम्मत मान्य नहीं होगा। सोसाइटियों में अनर्हित व्यक्तियों के प्रतिनिधित्व को समाप्त किए जाने के लिए यह बदलाव करने की बात सामने आई है। प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव की ओर से सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2022 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। गजट की कॉपी बरेली मंडल समेत राज्य के सभी चिट्स फंड एवं सोसाइटी कार्यालय में भेजी गई है।

अपीलार्थी अब मंडलायुक्त के यहां भी कर सकेंगे अपील
सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में किसी आदेश के विरुद्ध अभी तक अपील हाईकोर्ट इलाहाबाद में की जाती है। अब अपीलार्थियों को राहत दे दी गई है। नए नियम के अनुसार आदेश के विरुद्ध अपील आदेश होने की दिनांक से एक माह के भीतर जहां सोसाइटी का मुख्यालय स्थित है, वहां के आयुक्त के समक्ष की जा सकती है, लेकिन अपीलीय प्राधिकारी ऐसी अवधि के कारण को जानने के बाद कोई अपील स्वीकार कर सकता है। इसके लिए अपीलार्थी को एक माह की अवधि के भीतर अपील न करने का पर्याप्त कारण भी बताना होगा। उपरोक्त बदलाव से अपीलार्थियों को इलाहाबाद के चक्कर से राहत मिलेगी।

सोसाइटी में पद धारित करने के लिए नया नियम लागू
सोसाइटी में पद धारित करने के लिए भी नया नियम लागू कर दिया है। नियम के अनुसार ऐसा कोई व्यक्ति जो दिवालिया है या जो किसी सोसाइटी या किसी निकाय के गठन के प्रोन्नति, प्रबंधन या कार्य-कलापों के संचालन के लिए दोषसिद्ध किया गया है या किसी सक्षम न्यायालय द्वारा ऐसे किसी अपराध में दोषसिद्ध किया गया हो, जिसके लिए दो वर्ष या उससे अधिक का दंड हो, निर्णय के दिनांक से शासी निकाय का सदस्य या सोसाइटी का अध्यक्ष, सचिव या किसी अन्य पद धारक के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य (निरर्ह) घोषित होगा।

पिछले माह सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम (उत्तर प्रदेश संशोधन) 2021 में संशोधन किया गया है। शासन की ओर से इसका गजट जारी कर दिया है। एक बदलाव से अपीलार्थियों को बड़ा लाभ पहुंचा है। उन्हें आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए इलाहाबाद के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे—नीरज उर्फ यादवेंद्र पाठक, सहायक रजिस्ट्रार बरेली मंडल।

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