बरेली: सर मुझे पास कर देना मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं

बरेली: सर मुझे पास कर देना मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं

बरेली, अमृत विचार। सर मुझे पास कर देना, मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सर कुछ अपनी तरफ से देख लेना। वैज्ञानिक की जगह शिक्षिका का वर्णन किया। जी, हां एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं में कुछ इसी तरह की बातें सवालों के जवाब के स्थान पर छात्रों ने लिखी हैं।  …

बरेली, अमृत विचार। सर मुझे पास कर देना, मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सर कुछ अपनी तरफ से देख लेना। वैज्ञानिक की जगह शिक्षिका का वर्णन किया। जी, हां एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं में कुछ इसी तरह की बातें सवालों के जवाब के स्थान पर छात्रों ने लिखी हैं। 

हैरानी की बात यह है कि इनमें संस्थागत रूप से कॉलेज में प्रवेश लेने वाले बीएससी के छात्र भी हैं। उत्तर की जगह जो बातें उन्होंने पास करने के लिए लिखी हैं, उनकी शब्दावली भी ठीक नहीं है। कुछ छात्रों ने तो उत्तर पुस्तिकाओं में अपनी जानकारियां भी सही से नहीं लिखी हैं। इससे परीक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी दिक्कतें आ रही हैं। इस तरह के सवालों के जवाब देखकर परीक्षक भी हैरान हैं।

एक उत्तर पुस्तिका में छात्र ने लिखा कि सर या मैडम से मेरी एक विनती है मुझे पास कर देना, क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से पढ़ाई नहीं कर सका। मैं विद्यालय के बाद बाहर काम करता हूं, इसलिए पेपर सही से नहीं कर पाया। पास कर देना नहीं तो मेरी पढ़ाई रुक जाएगी। यह लिखने के लिए सर मुझे माफ कर देना। एक दूसरी उत्तर पुस्तिका में छात्र ने कबीर दास जी का एक दोहा लिखने के बाद लिखा है कि सर जी कुछ अपनी तरफ से देखकर समझ लेना।

एक उत्तर पुस्तिका में छात्र ने एक वैज्ञानिक के बारे में पूछे गए सवाल पर अपनी शिक्षिका के बारे में वर्णन किया, जिसमें कुछ अभद्र भाषा भी शामिल रही। इस छात्र ने अन्य कई सवालों के जवाब में भी बिना वजह की बातें लिखी हैं। जो जवाब दिए हैं वह भी हिंग्लिश में लिखे हैं। इसी तरह की कई अन्य उत्तर पुस्तिकाओं में भी छात्र-छात्राओं ने अजीब जवाब सवालों के दिए हैं।

कई विषयों का मूल्यांकन पूरा हुआ
स्नातक की सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए दो मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। लगभग 90 फीसदी मूल्यांकन पूरा हो गया है। बीए की गृह विज्ञान, भूगोल, अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र समेत अन्य विषयों का मूल्यांकन लगभग पूरा हो चुका है। अब उर्दू, संस्कृत, इतिहास व अन्य विषयों का मूल्यांकन बाकी रह गया है। इसी तरह से बीएससी की भी कुछ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बाकी रह गया है। दूसरी तरफ महाविद्यालयों को 20 मई तक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों व आंतरिक परीक्षाओं के अंक विश्विवद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने हैं। उसके बाद परिणाम जारी किया जाएगा।

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