बरेली: बिजली बिल में मूल से ज्यादा ब्याज देख सपाइयों को लगा झटका

बरेली, अमृत विचार। सपा के अंदर भी हलचल हो रही है। सपा कार्यालय का बिजली बिल जमा तो कर दिया गया लेकिन नेताओं की टीस भी बाहर आ गई। पूर्व अध्यक्ष की लापरवाही का खामियाजा ब्याज के रूप में भुगतना मौजूदा नेताओं को अखरा है। बिजली बिल एक लाख 15 हजार था लेकिन इसमें 47 …
बरेली, अमृत विचार। सपा के अंदर भी हलचल हो रही है। सपा कार्यालय का बिजली बिल जमा तो कर दिया गया लेकिन नेताओं की टीस भी बाहर आ गई। पूर्व अध्यक्ष की लापरवाही का खामियाजा ब्याज के रूप में भुगतना मौजूदा नेताओं को अखरा है। बिजली बिल एक लाख 15 हजार था लेकिन इसमें 47 हजार ब्याज भारी पड़ा है। नेताओं का मानना है कि इसे बचाया जा सकता था।
भोजीपुरा विधायक के पेट्रोल पंप पर चले बुलडोजर के बाद सपा कार्यालय की बिजली भी काट दी गई थी। यहां कई सालों से बकाया चल रहा था। पानी का संकट भी सपा कार्यालय में चल रहा था। पानी का पंप भी खराब है और उसे बनवाया नहीं गया था। कोई भी कार्यक्रम होता तो पानी भी खरीद कर आ रहा। पानी अब भी खरीद कर लाया जाता है।
सपा नेता इन खामियों का ठीकरा दो पूर्व अध्यक्षों पर फोड़ रहे हैं। इसके लिए उन्हें जिम्मेदार बता रहे। बिजली बिल जमा नहीं करना पानी का संकट बनाए रखने जैसी मूलभूत जरूरतों को व्यवस्थित न रख पाने की बात पार्टी के कई नेता कह रहे हैं। जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप के साथ बिजली बिल जमा करने गए महानगर महासचिव गौरव सक्सेना ने कहा कि ब्याज की रकम बचाई जा सकती थी।
बिजली का बिल हर माह सभी के पास आता है। यदि नहीं आता है तो जाकर रीडिंग देकर बनवाकर उसे जमा करना पड़ता है। ये भी न हो पाए तो हर साल मार्च माह में बिल जरूर दिया जाता है लेकिन पूर्व मैं रहे दोनों अध्यक्ष ने इस पर ध्यान नहीं दिया और नेताओं की अदूरदर्शिता से बिल के साथ ब्याज की रकम चुकाई गई।
पहले से पता होता तो ओटीएस का लाभ लेकर ब्याज की रकम हो सकती थी। बताया पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार सहित वरिष्ठ नेताओं के आपसी सहयोग से बिजली बिल जमा करा दिया गया है। सपा कार्यालय की कटी बिजली जुड़ गई है।