बरेली: आफत की बारिश, शहर जलमग्न, पांच साल में पहली बार पॉश कालोनियों के ड्राइंग रूम में घुसा पानी

बरेली: आफत की बारिश, शहर जलमग्न, पांच साल में पहली बार पॉश कालोनियों के ड्राइंग रूम में घुसा पानी

बरेली, अमृत विचार। शहर में पांच साल में इतना विकास हुआ है कि पॉश कालोनियों के ड्राइंग रूम में बारिश का पानी घुस गया है। यह दावा सिविल लाइंस आवास विकास के लोग कर रहे हैं। बारिश को यहां के लोग इंज्वाय करते थे लेकिन दो दिन से हो रही बारिश से वे परेशान हो …

बरेली, अमृत विचार। शहर में पांच साल में इतना विकास हुआ है कि पॉश कालोनियों के ड्राइंग रूम में बारिश का पानी घुस गया है। यह दावा सिविल लाइंस आवास विकास के लोग कर रहे हैं। बारिश को यहां के लोग इंज्वाय करते थे लेकिन दो दिन से हो रही बारिश से वे परेशान हो गए और जनप्रतिनिधियों को कोसने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं रह गया है।

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शहर में संजय नगर हो या सिविल लाइंस, आवास विकास, राजेन्द्र नगर, गुलमोहर कालोनी हो या नेकपुर, मढ़ीनाथ सभी जगह एक जैसे हालात हो गए हैं। शहर के किसी एक इलाके की जनता, ऐसी नहीं है कि जो पांच साल में हुए विकास और स्मार्ट सिटी के कार्य से पीड़ित न हुई हो। संजय नगर, पुराना शहर, शांति विहार, नेकपुर, मढ़ीनाथ, सुभाष नगर, हजियापुर, कांकर टोला दुर्गा नगर आदि इलाके के लोग हर बारिश में जलभराव से त्रस्त रहते हैं।

इन्हीं इलाकों में विकास के नाम पर खूब धन भी खर्च होता है। लूट खसोट भी होती है, लेकिन नतीजा हर बार सिफर ही रहता। हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद जलभराव से राहत नहीं मिलती। हालत यह हो गई कि सीवर का पानी सड़कों पर आ गया और लोग उसी के बीच से निकलने को मजबूर हैं। नगर आयुक्त का आवास भी जलभराव से अछूता नहीं है। यह हाल तब है, जब पूर्व नगर आयुक्त इस मार्ग के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च कर चुके, लेकिन जल निकासी के लिए नालों की सफाई नहीं कराई।

सिविल लाइंस में जजेज कालोनी भी जलमग्न रही। शाम को यहां से पंप लगाकर पानी निकलवाने का काम जारी था। आईजी आवास और कार्यालय में भी जलभराव रहा। पुराने शहर में सैलानी, सिटी स्टेशन रोड, बिहारीपुर, किला, बाकरगंज, अशरफ खां छावनी, गांधी नगर, करगैना रोड, बदायूं रोड, गणेश नगर आदि इलाकों में जलभराव से लोग परेशान रहे। कई मोहल्लों में पानी घरों में घुस गया। नगर निगम ने सड़क और नालों की सफाई में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन वह जनता के काम नहीं आए। गुणवत्ता से समझौता करके हुए कार्य की पोल बारिश ने खोल दी है।

बाजार में बंद रहीं अधिकतर दुकानें

बारिश का असर कारोबार पर भी पड़ा है। कई व्यस्त बाजारों में दुकानदारों ने दुकानें नहीं खोलीं। मोहल्लों में भी दुकानें बंद रहीं। बड़े शोरूम जरूर खुले, लेकिन उनमें भी सन्नाटा रहा। ग्राहकों के इंतजार में शाम हो गई तो रोज की अपेक्षा बाजार में दुकानें जल्दी बंद हो गईं। हर रविवार को गुलजार रहने वाले कुतुबखाना में ज्यादातर दुकानें बंद ही रहीं। गली आर्य समाज में कुछ दुकानें खुलीं, लेकिन उनमें ग्राहकों का इंतजार होता रहा। बारिश से लोग घरों से नहीं निकले। शहर के सभी बाजार में सन्नाटा रहा। फुटपाथ पर लगने वाली खानपान के स्टाल भी नहीं लगे। कुछ जगहों पर ही चाय के स्टाल खुले।

आनलाइन फूड सर्विस भी रही प्रभावित

बारिश में घरों में आनलाइन फूड सर्विस भी प्रभावित रही। ज्यादातर डिलीवरी ब्वाय घरों से नहीं निकले। इससे घरों के बजाय बाहर से खाना मंगाकर खाने वाले भी मायूस हुए। रेस्टोरेंट तो खुले, लेकिन उनमें भी खाने के शौकीन नहीं पहुंचे। राजेन्द्र नगर, शील चौराहा, डीडीपुरम में फास्टफूड के शौकीन लोगों को बारिश में मायूस होना पड़ा।

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