बरेली: जमात रजा-ए-मुस्तफा ने 104वें उर्स-ए-रजवी का कार्यक्रम किया जारी

बरेली, अमृत विचार। सुन्नी बरेलवी मसलक के सबसे बड़े धर्मगुरु इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी (आला हजरत) का 104वां उर्स-ए-रजवी का आगाज 21 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा की ओर से सीबीगंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा व दरगाह ताजुश्शरिया में तीन रोजा उर्स-ए-रजवी का कार्यक्रम जारी …

बरेली, अमृत विचार। सुन्नी बरेलवी मसलक के सबसे बड़े धर्मगुरु इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी (आला हजरत) का 104वां उर्स-ए-रजवी का आगाज 21 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा की ओर से सीबीगंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा व दरगाह ताजुश्शरिया में तीन रोजा उर्स-ए-रजवी का कार्यक्रम जारी किया। उर्स की सभी रस्में दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन काजी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती और जमात रजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत व जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में होंगी।

जमात रजा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया ( 21 सितंबर बरोज बुद्ध ) को दरगाह ताजुश्शरिया पर बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी नात-ओ-मनकबत के बाद इब्राहीम रजा खां (जिलानी मियां) का सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। रात को 08:30 बजे से मुख्य कार्यक्रम का आगाज होगा। नात-ओ-मनकबत और उलमा-ए-इकराम की तकरीर होगी। इसके बाद हुज्जातुल इस्लाम हामिद रजा खां (हामिद मियां) का रात को 10 बजकर 35 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। ( 22 सितंबर बरोज जुमरात ) दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रजा में बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी नात-ओ-मनकबत होगी। शाम को हुजूर ताजुश्शरिया के कुल शरीफ की रस्म 07 बजकर 14 मिनट पर अदा की जाएगी।

मुख्य कार्यक्रम रात को 09 बजे से शुरू होगा। इमाम अहमद रजा कांन्फ्रेंस फिर देर रात को 01 बजकर 40 मिनट पर हुजूर मुफ्ती आज़म हिन्द (मुस्तफा रजा खां) के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। ( अंतिम दिन 23 सितंबर बरोज़ जुमा ) दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा में बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी नात-ओ-मनकबत होगी। सुबह 11 बजे से देश-विदेश के मशहूर उलमा-ए-इकराम व मशाईख-ए-किराम की तकरीर होगी। दोपहर को 2 बजकर 38 मिनट पर इमाम अहले सुन्नत सरकार आला हजरत का कुल शरीफ मनाया जाएगा। इसी के साथ तीन रोजा उर्स का समापन हो जाएगा।

जमात रजा की उर्स कोर कमेटी तैयारियों में जुटी हुई है। जिसमें मुख्य रूप से मौलाना सैय्यद अजीमुद्दीन अजहरी, समरान खान, डॉक्टर मेहंदी हसन, हाफिज इकराम रजा खान, शमीम अहमद, मोईन खान, अब्दुल्लाह रजा खान, मोईन अख्तर, अतीक अहमद हशमती, बख्तियार खां, सैफ अली कादरी, नावेद, कौसर अली, रिजवान हुसैन, दन्नी अंसारी, अब्दुल सलाम, मौलाना शम्स रजा, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना आबिद नूरी, मुफ्ती कासिम, शाईबूद्दीन रजवी, अकील खान, फैजान रजा, शबाब खान, अबरार हुसैन, बहारुल मुस्तफा, सैय्यद मशकूर, अहसान, मुजाहिद खान, डॉक्टर जफर खान, सलीम खान, मोहम्मद अहमद, आले मुस्तफा आदि लोग शामिल हैं।

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