बरेली: डेंगू का प्रकोप, शहर से लेकर देहात तक हेल्थ विभाग ने कराया दवा का छिड़काव
बरेली, अमृत विचार। जिले में डेंगू अब जानलेवा होता जा रहा है। कई जाने लेने के बाद भी अभी इसका कहर जारी है। कोविड महामारी के बाद इस साल डेंगू जानलेवा होता जा रहा है। अब यह गांव के साथ शहर में भी तेजी से फैल रहा है।अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की …
बरेली, अमृत विचार। जिले में डेंगू अब जानलेवा होता जा रहा है। कई जाने लेने के बाद भी अभी इसका कहर जारी है। कोविड महामारी के बाद इस साल डेंगू जानलेवा होता जा रहा है। अब यह गांव के साथ शहर में भी तेजी से फैल रहा है।अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की डेंगू से जानें जा चुकी हैं।
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इस महामारी की रोक के लिए नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी कमर कस ली है। शहर में नगर निगम द्वारा जगह-जगह डेंगू की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव ककराया जा रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों के लिए खासा इंतजाम कर इलाज करने की बात की जा रही है।जिस तरीके से पिछले 2 साल कोविड-19 महामारी से हजारों लोगों की जान चली गई। अब डेंगू ने भी कई लोगों की जान ले ली है जिस पर जिला अस्पताल प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों ने पूरे इंतजाम के साथ शहर की सड़कों को सेनिटाइजर किया जा रहा है। वहीं इसके साथ-साथ सरकारी दफ्तरों, आवासों में सैनिटाइजर किया जा रहा है। जिससे इस बीमारी को रोका जा सके और लोगों की जान बच सके। जिला अस्पताल में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है शहर से लेकर गांव के मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो उसके विशेष इंतजाम किए गए हैं । नगर निगम साफ सफाई ब सैनिटाइजर का गली मोहल्ले में दवा के छिड़काव का काम तेजी से कर रहा है।
डेंगू बुखार से बचाव के उपाय
छोटे डिब्बो व ऐसे स्थानो से पानी निकाले जहॉं पानी बराबर भरा रहता है। कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले। घर में कीट नाशक दवायें छिडके। बच्चों को ऐसे कपडे पहनाये जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवाईयों,वस्तुओं का प्रयोग करें। टंकियों तथा बर्तनों को ढककर रखें। सरकार के स्तर पर किये जाने वाले कीटनाशक छिडकाव में सहयोग करें। आवश्यकता होने पर जले हूये तेल या मिट्टी के तेल को नालियों में तथा इक्कट्ठे हुए पानी पर डालें।
डेंगू के लिए किए जाने वाले उपचार
प्रारम्भिक बुखार की स्थिति में मरीज को आराम की सलाह दे।पैरासिटामोल की गोली (24 घन्टे में चार बार से अधिक नहीं) उम्र के अनुसार तेज बुखार होने पर दी जाए। एस्प्रीन और आईबुप्रोफेन दवा नुकसान दे सकती है उसका सेवन करने से बचें।
मरीज को ओआरएस का घोल फायदा देगा।भूख के अनुसार पर्याप्त मात्रा में भोजन दिया जावें। साधारणतया डेंग्यू बुखार के मरीज को ठीक होने के 2 दिवस उपरान्त तक जटिलताऐं देखी गई है पेट में तेज दर्द।काले रंग का मल आना। मसूडो,त्वचा,नाक से खून रिसना। चमडी का ठन्डा पड जाना एवं ज्यादा पसीना आना। ऐसी स्थिति में मरीज को तुरन्त अस्पताल में भर्ती होने की राय दी जाए।
जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। गांव में प्रधानों को दवा का छिड़काव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। मीरगंज में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज थे।लेकिन वहां स्थिति नियंत्रण में है।इस समय नवाबगंज व कुलड़िया में मरीज बड़े है। सामुदायिक केंद्रों पर जांच के इंतजाम किए गए साथ ही सभी जगह पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध कराई जा रही है।
– बलवीर सिंह,सीएमओ बरेली
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