बरेली: सीओ से नोकझोंक के बाद धरने पर बैठे वकील, हंगामा

बरेली, अमृत विचार। वकीलों पर हो रहे हमलों के बावजूद पुलिसिया कार्रवाई न होने से नाराज वकीलों का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को एसएसपी से मिलने पहुंचा। एसएसपी की अनुपस्थिति में एसएसपी कार्यालय में शिकायतें सुन रहे सीओ सेकेंड से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। इस पर वकील एसएसपी ऑफिस में धरने पर बैठ गए। उन्होंने …
बरेली, अमृत विचार। वकीलों पर हो रहे हमलों के बावजूद पुलिसिया कार्रवाई न होने से नाराज वकीलों का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को एसएसपी से मिलने पहुंचा। एसएसपी की अनुपस्थिति में एसएसपी कार्यालय में शिकायतें सुन रहे सीओ सेकेंड से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। इस पर वकील एसएसपी ऑफिस में धरने पर बैठ गए। उन्होंने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इससे वहां पर हंगामा मच गया। लगभग दो घंटे बाद एसपी देहात मौके पर पहुंचे और वकीलों को समझाकर शांत कराया।
बारादरी, प्रेमनगर, सुभाषनगर थाना क्षेत्रों में अधिवक्ताओं के साथ बीते दिनों कई आपराधिक घटनाएं हुई थीं। विपक्षियों पर एफआईआर दर्ज न होने की शिकायत लेकर गुरुवार को बार एसोसिएशन सचिव वीपी ध्यानी के नेतृत्व में वकील एसएसपी कार्यालय पहुंचे। एसएसपी की गैरमौजूदगी में शिकायतें सुन रहे एएसपी आशीष प्रताप सिंह को उन्होंने शिकायती पत्र सौंपा। आरोप है कि शिकायती पत्र देख एएसपी भड़क उठे। उन्होंने वकीलों पर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराने की बात कह दी। इससे आक्रोशित वकील कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
उन्होंने ऐलान कर दिया कि जब तक सभी मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं होगी, वे धरने से नहीं उठेंगे। इस पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। वकीलों को एएसपी ने समझाने का प्रयास किया लेकिन वे धरने से नहीं उठे। धीरे-धीरे कार्यालय में वकीलों की तादाद बढ़ने लगी। बार एसोसिएशन ने गुरुवार और शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा करते हुए जिला जज समेत सभी न्यायिक पीठासीन अधिकारियों को पत्र भेजकर घटनाक्रम से अवगत करवा दिया। इससे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गये।
अधिवक्ताओं के धरने की जानकारी जब पुलिस के आला अधिकारियों को हुई तब एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल ने मौके पर पहुंचकर पुलिसकर्मियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ किए गए व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त किया। साथ ही भविष्य में पुलिसकर्मियों द्वारा वकीलों के साथ शालीन व्यवहार किए जाने का भरोसा दिलाया। तत्काल थाना बारादरी के प्रभारी निरीक्षक को अधिवक्ता मोहम्मद आमिर के साथ हुई मारपीट, जानलेवा हमले की घटना पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। संबंधित अन्य थानेदारों को भी मौके पर अधिवक्ताओं की समस्या का तुरंत निराकरण का आदेश दिया तब जाकर वकीलों ने धरना स्थल छोड़ा।
चार-पांच मामलों में चाहते थे रिपोर्ट दर्ज कराना
पुलिस के मुताबिक वकील सुभाषनगर, बारादरी, कोतवाली में अपने ऊपर हुए हमलों के मामलों में कार्रवाई की बात कह रहे थे। वह चाहते थे कि उनके सभी मामलों में रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए। जबकि, पुलिस कुछ मामलों की जांच कर चुकी है।
वकील धरने पर बैठे थे। उनसे बातचीत की गई। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनके आरोप सही पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद वह लोग वहां से चले गए। -राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात
अधिवक्ता बोले
अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा नहीं हो रही है। पुलिस हठधर्मिता दिखा रही है। छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर वकीलों को धरना देना पड़ेगा तो व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। -चंद्रशेखर, वरिष्ठ अधिवक्ता
अधिवक्ता जनता को न्याय दिलाने के लिए जाना जाता है जब अधिवक्ता को ही न्याय नहीं मिलेगा तो फिर पुलिस की कार्यप्रणाली के विरुद्ध आक्रोश पनपना स्वाभाविक है। -भानु प्रताप गंगवार, वरिष्ठ अधिवक्ता
पुलिस व अधिवक्ता न्यायिक व्यवस्था के दो पहिये हैं। यदि पुलिस अधिवक्ताओं का सम्मान नहीं करेगी तो पुलिस का भी सम्मान नहीं किया जायेगा। व्यवस्था की गाड़ी बेपटरी हो जायेगी। अधिवक्ताओं के साथ अपमानजनक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। -रमन सक्सेना, वरिष्ठ अधिवक्ता
पुलिस व अधिवक्ताओं को आपसी तालमेल व सहानुभूति के साथ समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयासरत होना चाहिए मगर दुख इस बात का है कि पुलिसकर्मी आए दिन अपनी वर्दी की हनक में अधिवक्ताओं के साथ भी दुर्व्यवहार करते हैं जोकि निंदनीय है। -जसवीर सिंह, एडवोकेट
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