टनकपुर: मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रहा नेपाल सीमा से लगा सुनकुरी गांव

टनकपुर, अमृत विचार। पड़ोसी देश नेपाल सीमा से लगे एवं जनपद चम्पावत के दूरस्थ एवं उपेक्षित गांव सुनकुरी के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां के ग्रामीण समस्याओं के निस्तारण न होने पर शासन प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी दोषी मान रहे हैं। इस क्षेत्र में पानी, बिजली समेत कई समस्याओं …
टनकपुर, अमृत विचार। पड़ोसी देश नेपाल सीमा से लगे एवं जनपद चम्पावत के दूरस्थ एवं उपेक्षित गांव सुनकुरी के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां के ग्रामीण समस्याओं के निस्तारण न होने पर शासन प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी दोषी मान रहे हैं। इस क्षेत्र में पानी, बिजली समेत कई समस्याओं का लंबे समय बाद भी निस्तारण न हो पाने से खफा होकर यहां के ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन व जिम्मेदार जनप्रतिनिधि द्वारा इस गांव की उपेक्षा की जा रही है, जिसे गांव वाले बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गुरुवार को इन तमाम समस्याओं को लेकर गांव सुनकुरी में ग्रामीणों द्वारा बैठक का भी आयोजन किया गया। समाजसेवी राजू पुनेठा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को लेकर विचार विमर्श किया। बैठक में ग्रामीणों ने ने कहा कि गांव के लिए बनी पुरानी पेयजल लाइन ध्वस्त पड़ी हुई है। जिससे ग्रामीणों को पानी की बूंद बूंद के लिए मोहताज होना पड़ रहा है साथ ही विद्युत विभाग द्वारा मनमाने तरीके से अक्सर शाम होते ही बिजली भी काट दी जा रही है जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभागों को इसकी सूचना देने के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा।
लोगों ने जंगली जानवरों द्वारा फसलों को किए जा रहे नुकसान का मुद्दा उठाते हुए फसलों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने और नुकसान का मुआवजा देने मांग की। बैठक में गौशाला के लिए मिलने वाली धनराशि 35 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख करने, कृषि ऋण माफ करने, क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने की भी मांग प्रमुखता से उठाया गया। बैठक में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इस क्षेत्र की भारी उपेक्षा की जा रही है।
कहा कि चुनाव के समय प्रतिनिधियों द्वारा घर घर आकर लोगों को समस्याओं का निस्तारण करने का वादा कर वोट मांगा जाता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह प्रतिनिधि दोबारा क्षेत्र में कदम नहीं रखते हैं।कहा कि शीघ्र समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में खीम सिंह, नरेंद्र सिंह, नारायण सिंह, शंकर सिंह, बद्री सिंह, देव सिंह, जोगा सिंह, प्रेम सिंह, कृष्ण सिंह, तारा सिंह, प्रकाश सिंह, डुंगर सिंह, महेश सिंह आदि ग्रामीण मौजूद रहे।