बाबा बर्फानी: छड़ी मुबारक को ध्वजारोहण व भूमि पूजन के लिए लाया गया पहलगाम

बाबा बर्फानी: छड़ी मुबारक को ध्वजारोहण व भूमि पूजन के लिए लाया गया पहलगाम

श्रीनगर। बाबा बर्फानी की चांदी की गदा छड़ी मुबारक को शनिवार को आषाढ़-पूर्णिमा (व्यास-पूर्णिमा) के शुभ अवसर पर भूमि पूजन और ध्वजारोहण समारोह के लिए पहलगाम लाया गया। इसके साथ ही दक्षिण कश्मीर हिमालय में पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा से जुड़ी सदियों पौराणिक परंपरा आज से शुरू हो गई। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड …

श्रीनगर। बाबा बर्फानी की चांदी की गदा छड़ी मुबारक को शनिवार को आषाढ़-पूर्णिमा (व्यास-पूर्णिमा) के शुभ अवसर पर भूमि पूजन और ध्वजारोहण समारोह के लिए पहलगाम लाया गया। इसके साथ ही दक्षिण कश्मीर हिमालय में पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा से जुड़ी सदियों पौराणिक परंपरा आज से शुरू हो गई।

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने हालांकि इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से बाबा बर्फानी की वार्षिक तीर्थयात्रा को रद्द कर दिया है। पिछले साल भी इसी कारण से यात्रा को निरस्त करना पड़ा था जबकि वर्ष 2019 में केंद्र ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए को निरस्त करने पर तीर्थयात्रियों को बीच में लौटने के लिए कहा गया था तब सुरक्षा कारणों से बाकी यात्रा रद्द कर दी गई थी।

आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे यहां के पास दशनामी अखाड़े से साधुओं के एक समूह के साथ पहलगाम के लिए “बम-बम भोले” और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ महंत दीपेंद्र गिरी, छड़ी मुबारक को लेकर रवाना हुए। जहां आषाण पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा) के शुभ अवसर पर भूमि पूजन और नवग्रह पूजन तथा ध्वजारोहण किया गया।

अपराह्न में छड़ी मुबारक श्रीनगर के दशनामी अखाडा लौटेगी। इस पवित्र गदा को गुफा मंदिर की ओर अंतिम यात्रा शुरू करने से पहले शंकरचार्य मंदिर और शारदादेवी मंदिर ले जाया जाएगा, जहां रक्षाबंधन के दिन इसकी पूजा की जाएगी।

महंत गिरि ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि के अलावा कोविड-19 के खात्मे के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कोविड-19 के मद्देनजर तीर्थयात्रा रद्द करने के एसएएसबी के फैसले को उचित कदम बताया था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष तीर्थयात्रा सामान्य रूप से बहाल हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि यह फैसला तीर्थयात्रियों के लिए सुखद नहीं है लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के अलावा सेवा प्रदाताओं, स्वयंसेवकों और सरकारी अधिकारियों के जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

सेवा प्रदाताओं, स्वयंसेवकों और अधिकारियों को यात्रा ड्यूटी के लिए तैनात किया जाता है, उनके भी जीवन को देखते हुए यह निर्णय उचित है। महंत गिरि ने कहा,“ जब दो अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक पहुंचेगी, तो हम सभी अमरनाथ जी से इस महामारी से निजात दिलाने और इसकी समाप्ति की प्रार्थना करेंगे और हमारी प्रार्थना बाबा बर्फानी स्वीकार करेंगे।

” श्री अमरेश्वर मंदिर, अखाड़ा भवन, श्रीनगर में मैसूमा से महंत गिरि छड़ी मुबारक को तीर्थयात्रियों के साथ हर साल पवित्र गुफा तक ले जाते हैं। वर्ष 2019 और 2020 में जब महामारी और राजनीतिक अनिश्चितता के कारण यात्रा को रद्द करना पड़ा था तो कुछ साधु छड़ी मुबारक को एक हेलीकॉप्टर से अमरनाथ गुफा मंदिर लेकर गए थे।

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