हल्द्वानी: अब आरटीओ में धूल नहीं फाकेंगी पुरानी फाइलें, जल्द होंगे डिजिटलाइज्ड

बबीता पटवाल, हल्द्वानी। आरटीओ ऑफिसों में अब परमिट और रजिस्ट्रेशन की फाइलों को संभालने में वक्त और धन बर्बाद नहीं होगा। इन सभी फाइलों को अब डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। जिसके बाद एक ही क्लिक पर परमिट और रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिल जाएगी। आरटीओ ऑफिस अब अपने काम करने के तरीके को बदल रहा …
बबीता पटवाल, हल्द्वानी। आरटीओ ऑफिसों में अब परमिट और रजिस्ट्रेशन की फाइलों को संभालने में वक्त और धन बर्बाद नहीं होगा। इन सभी फाइलों को अब डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। जिसके बाद एक ही क्लिक पर परमिट और रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिल जाएगी।
आरटीओ ऑफिस अब अपने काम करने के तरीके को बदल रहा है। फाइलों को परंपरागत ढंग से रखने का काम बदला जा रहा है। अब यहां पर सभी कार्यालयों में परमिट और रजिस्ट्रेशन की फाइलों को डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। अभी तक आरटीओ ऑफिस में फाइलों को अलमारियों में रखा जाता था। और उनको ढूंढने में बहुत परेशानी होती थी। इन फाइलों को बोझ बढ़ता ही जा रहा था। यहां के अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के गठन से पहले कुमाऊं दो ही जगहों पर आरटीओ ऑफिस थे। बाद में इनकी संख्या बढ़ती गई। साथ ही वाहन बढ़ने के कारण परमिट और रजिस्ट्रेशन की फाइलों के भी ढेर लग गए। अगर किसी दिन कोई अनहोनी हो गई तो सभी रिकार्ड बेकार हो जाएगा। इसलिए अब इन फाइलों को कम्प्यूटर में डाटा बनाकर सेव कर लिया जाएगा।
पूरे कुमाऊं 10 लाख से ज्यादा फाइलें
कुमाऊं मंडल की बात करें तो यहां के आरटीओ ऑफिसों में 10 लाख से ज्यादा फाइलें हैं। इनमें सबसे ज्यादा फाइलें हल्द्वानी कार्यालय में हैं। यहां पर 3.5 लाख फाइलें हैं। इन फाइलों को डिजिटलाइज्ड करने में कुछ माह का समय लग जाएगा।
फाइलों को डिजिटलाइज्ड करने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सभी डाटा सुरक्षित हो जाएगा। साथ ही एक ही क्लिक पर सारी जानकारी मिल जाएगी।- राजीव मेहरा, आरटीओ, हल्द्वानी
कोविड काल में पैनॉल्टी हुई माफ
हल्द्वानी। व्यवसायिक वाहनों के स्वामियों के लिए राहत की खबर है। कोविड काल को देखते हुए कई लोग अपने वाहन का टैक्स नहीं जमा करा पाए थे। सही समय पर टैक्स न भर पाने पर वाहन स्वामियों को पैनाल्टी देनी पड़ती है। लेकिन बिना पैनाल्टी दिए ही वाहन स्वामी टैक्स भर सकते हैं।