रामपुर: किसानों का बेमियादी धरना 55वें दिन भी जारी, धरना स्थल पर ही एक दूसरे के गले मिलकर दी ईद की मुबारकबाद

रामपुर: किसानों का बेमियादी धरना 55वें दिन भी जारी, धरना स्थल पर ही एक दूसरे के गले मिलकर दी ईद की मुबारकबाद

रामपुर/भोट,अमृत विचार। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 55 दिनों से बेमियादी धरने में बैठे आक्रोशित किसान बकरीद के त्यौहार पर भी धरने पर डटे रहे। इस दौरान किसानों ने धरनास्थल पर ही ईद की नमाज अदा कर एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।इस दौरान किसानों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर …

रामपुर/भोट,अमृत विचार। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 55 दिनों से बेमियादी धरने में बैठे आक्रोशित किसान बकरीद के त्यौहार पर भी धरने पर डटे रहे। इस दौरान किसानों ने धरनास्थल पर ही ईद की नमाज अदा कर एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।इस दौरान किसानों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन कर तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने की मांग की।

पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बावजूद बेमियादी धरने में डटे किसान बुधवार को ईद के त्यौहार के अवसर पर पर धरने में डटे रहे। केन्द्र सरकार के अड़ियल रवैये से आक्राशित किसानों ने टोल प्लाजा पर ही ईद की नमाज अदा की।एक दूसरे को ईद की शुभकामनाऐं दी। बुधवार सुबह तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजन्दर सिंह विर्क भी कार्यकर्ताओं के साथ धरने में शामिल हुए।

मौजूद किसानों को ईद की मुबारकवाद देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार तीनों कृषि कानूनों से किसानों को क्या फायदा होगा इसकी जानकारी भी नहीं दे रही है और पूरे देश के किसानों के विरोध के बावजूद तीनों कृषि कानूनों को जबरन लागू कर रही है।केन्द्र सरकार के इस किसान विरोधी कार्य के लिए देश का किसान सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।कहा कि देश का किसान हार मानने वाला नहीं हैं।

सरकार चाहे कितनी ही कोशिश कर ले किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी से पहले घर नहीं लौटेंगे।धूप, ठंड,बारिश से जूझते हुए देश के किसान कृषि कानूनों की वापसी को आंदोलन कर रहे हैं और अब ईद का त्यौहार भी किसानों ने धरनास्थल पर मनाया है।

अब कृषि कानूनों की वापसी तक किसानों द्वारा सभी पर्व व त्यौहार धरनास्थल पर ही मनाये जाएगें। इस दौरान मोहम्मद तालिब,इरफान हसन,छिद़दा अली,जगदीप सिंह, अब्दुल मुस्तफा,दलजीत सिंह,गुरबचन सिंह,शाकिर अली, शकील अहमद, नदीम अहमद,रिजवान,मुजफ्फरअली, मुनव्वर आलम आदि मौजूद रहे।