मुकुल रॉय के खिलाफ अयोग्यता पर हुई पहली सुनवाई, सुवेंदु अधिकारी के बयान से TMC में हलचल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुकुल रॉय को विधायक पद के लिए अयोग्य घोषित करने के संबंध में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय के कक्ष में हुई सुनवाई में हिस्सा लिया और कहा कि इस संबंध में शीघ्र निर्णय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने …
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुकुल रॉय को विधायक पद के लिए अयोग्य घोषित करने के संबंध में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय के कक्ष में हुई सुनवाई में हिस्सा लिया और कहा कि इस संबंध में शीघ्र निर्णय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर भारतीय जनता पार्टी अदालत का रुख कर सकती है।
अधिकारी ने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष को 67 पन्नों का दस्तावेज सौंप कर मुकुल रॉय को विधायक पद के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है। उन्होंने दल-बदल कानून के तहत यह मांग करते हुए कहा है कि रॉय ने भाजपा टिकट पर चुनाव जीता और उसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस के शामिल हो गए। रॉय को लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के विरोध में नंदीग्राम से भाजपा विधायक अधिकारी ने अन्य विधायकों के साथ पिछले सप्ताह विधानसभा से बहिर्गमन किया था।
विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष से बाहर निकलने के बाद अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ”हम एक समय समय सीमा चाहते हैं, जिसके भीतर सुनवाई पूरी की जाए। हम चाहते हैं कि रॉय को जितनी जल्दी संभव हो, अयोग्य घोषित किया जाए। हम कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं… पार्टी अदालत का रुख भी कर सकती है।” विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलकर भाजपा में वरिष्ठ नेता अधिकारी ने कहा कि मांग के संबंध में सभी दस्तावेज, ऑडियो क्लिप, वीडियो फुटेज विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, ”हम विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को 64 पन्नों को डोजियर दे चुके हैं। सुनवाई की प्रक्रिया में ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए। हम विधानसभा अध्यक्ष के पद का बहुत सम्मान करते हैं, लेकिन अतीत के अनुभवों के कारण हमें चिंता हो रही है।” अधिकारी ने कहा, ”पिछले 10 साल में पश्चिम बंगाल में दल-बदल के ऐसे कम से कम 50 मामले हुए हैं। लेकिन उनमें कुछ खास नहीं हुआ…. हमें इस (तृणमूल कांग्रेस) सरकार में भरोसा नहीं है।”
उन्होंने बताया कि सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 जुलाई तय हुई है। विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष ने सुनवाई के दौरान अधिकारी से कुछ स्पष्टीकरण मांगे। सुनवाई के बाद, रॉय ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। रॉय ने दिन में लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रुप में समिति की बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें भाजपा का कोई सदस्य उपस्थित नहीं था।
इस संबंध में संपर्क करने पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ले कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने मुकुल रॉय के खिलाफ शिकायत पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, ”अध्यक्ष द्वारा भाजपा का रुख स्वीकार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। सुनवाई तो बस शुरू हुई है।”