मुरादाबाद : रेलवे ने पुराने स्लीपर से बना दी 500 मीटर लंबी सड़क,आपदा में उपलब्धि

मुरादाबाद : रेलवे ने पुराने स्लीपर से बना दी 500 मीटर लंबी सड़क,आपदा में उपलब्धि

मुरादाबाद,अमृत विचार। शहर के मिगलानी सिनेमा क्षेत्र में धूल और कोयले के कण अब पर्यावरण प्रदूषण के कारण नहीं बनेंगे। दोपहिया और तिपहिया वाहन चालकों के अलावा पैदल चलने वालों को भी सांस लेने में समस्या कम होगी। ट्रक सहित बड़े वाहनों में सीमेंट, कोयला और अन्य पदार्थों का लोड लेकर चलने वाले चालकों को …

मुरादाबाद,अमृत विचार। शहर के मिगलानी सिनेमा क्षेत्र में धूल और कोयले के कण अब पर्यावरण प्रदूषण के कारण नहीं बनेंगे। दोपहिया और तिपहिया वाहन चालकों के अलावा पैदल चलने वालों को भी सांस लेने में समस्या कम होगी। ट्रक सहित बड़े वाहनों में सीमेंट, कोयला और अन्य पदार्थों का लोड लेकर चलने वाले चालकों को भी परेशानी नहीं होगी।

कोरोना काल में रेलवे ने इसके लिए अच्छी पहल की है। पूरब दिशा की ओर के गुड्स शेड के फर्श को पुराने स्लीपर बिछाकर मजबूत कर दिया गया है। अब भारी वाहनों के टायर बेवजह खराब नहीं होंगे। धूल और गुबार से मजदूरों को सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। रेलवे ने सीमेंट के पुराने स्लीपर से करीब 500 मीटर लंबा ट्रैक तैयार कर दिया है। यह स्लीपर मंडल भर में रेल पटरी को मजबूती देने के लिए बदले गए हैं।

अब तक ऐसे स्लीपर्स को विभाग द्वारा नीलाम किया जाता था। लेकिन, उच्च अधिकारियों ने कम लागत में बड़ा काम कर लिया है। सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि माल गोदाम परिसर में प्रदूषण की बड़ी समस्या का निदान इस पहल से हो गया है। ट्रैक के बगल में पुराने स्लीपर बिछाकर तैयार किए गए फर्श पर ट्रक सहित बड़े वाहन आसानी से माल गोदाम क्षेत्र में आवागमन कर रहे हैं।

रेल प्रबंधन ने यह प्रयोग लॉकडाउन के समय किया है। हाल के दिनों में एनजीटी द्वारा वायु प्रदूषण के कारकों में रेलवे को निशाने पर लिया गया था। अब रेल अफसरों ने एनजीटी की इस शिकायत भी दूर कर दिया है। इससे 300 से अधिक ट्रक ऑपरेटरों की मुश्किलें कम हो गई हैं।

इस पहल के बाद सबसे बड़ी राहत शेड में मालगाड़ियों में सामान लोड-अनलोड करने वाले मजदूरों को मिली है। इस विधि से बनी सड़क की मजबूती और जल संचय की क्षमता से रेलवे अफसर खुश हैं। यहां रोजाना चार से छह मालगाड़ियां लोड और अनलोड होती हैं। कोयला और सीमेंट की रैक लगने के बाद क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ जाता था। रेल प्रबंधन ने समय का उपयोग करके कम खर्च में बड़ा काम कर दिया है।

रेलवे पटरियों के नीचे अब सीमेंट से बने स्लीपर बिछाए जाते हैं। ऐसे स्लीपर घिसने और कमजोर होने की दशा में बदल दिए जाते हैं। विभाग की ओर से इनकी नीलामी होती है। लेकिन, कोरोना काल में मंडल में उसका विभागीय उपयोग किया गया है। गुड्स शेड परिक्षेत्र में इनसे सड़क बनाई गई है। यहां पर करीब पांच सौ मीटर लंबी सड़क तैयार की गई है। अन्य स्टेशनों पर भी यह प्रयोग होगा। इससे सीमेंट और कोयला उतारने के दौरान वायु प्रदूषण के खतरे कम होंगे। रेखा शर्मा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक
.

ताजा समाचार