बरेली: भाजपा ने खींचे कदम तो पूर्व विधायक के भाई को मिली ब्लॉक प्रमुखी

बरेली: भाजपा ने खींचे कदम तो पूर्व विधायक के भाई को मिली ब्लॉक प्रमुखी

बरेली, अमृत विचार। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में सबसे हॉट मानी जाने वाली भुता सीट को लेकर जिस तरह की राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी। आखिरकार वैसे ही शुक्रवार को परिणाम भी सामने आए। अंतिम समय तक नामांकन कराने से बच रही भाजपा ने किसी तरह ब्राह्मण चेहरे रामाशंकर भारद्वाज का नामांकन तो कराया लेकिन शुक्रवार …

बरेली, अमृत विचार। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में सबसे हॉट मानी जाने वाली भुता सीट को लेकर जिस तरह की राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी। आखिरकार वैसे ही शुक्रवार को परिणाम भी सामने आए। अंतिम समय तक नामांकन कराने से बच रही भाजपा ने किसी तरह ब्राह्मण चेहरे रामाशंकर भारद्वाज का नामांकन तो कराया लेकिन शुक्रवार को नाम वापस ले लिया।

इससे सपा नेता एवं पूर्व विधायक महिपाल सिंह यादव के भाई जगमोहन यादव की जीत का रास्ता साफ हो गया और उन्हें निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख घोषित कर दिया गया। अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि ऐसे क्यों भुता सीट पर भाजपा ने हथियार डाल दिए। इसके पीछे पूरी कहानी सेट है। फ्लैशबैक में जाएं तो कुछ दिन पूर्व ही जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव हुए।

इसमें 14 सदस्यों के भरोसे भाजपा प्रत्याशी रश्मि पटेल ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक का सफर तय किया। इसमें उन्हें बसपा के छह, 13 निर्दलीयों के साथ सपा के भी सात सदस्यों का समर्थन मिला था। सपा के सात सदस्यों के क्रास वोटिंग करने के पीछे सपा के कई नेताओं का नाम सामने आया था लेकिन किसी का नाम खुलकर नहीं लिया गया।

इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के नामांकन में रश्मि पटेल ने कलेक्ट्रेट गेट पर सपा नेता एवं पूर्व विधायक महिपाल सिंह, विजय पाल सिंह और पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार के पैर छुए थे। रश्मि पटेल जब चुनाव जीती थीं, तब यह चर्चा तेजी से छिड़ी की कि पैर छुआई की दक्षिणा में रश्मि पटेल को कुर्सी मिली है। इसके कई निहतार्थ निकाले गए। अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भुता सीट पर भाजपा के सरेंडर करने कहानी भी पैर छुआयी की दक्षिणा से जोड़कर देखी जा रही है।