यूपी के चमड़ा उद्योग में जान फूंक रोजगार बढ़ाने आईं अनुप्रिया पटेल
संजय सिंह, नई दिल्ली। लंबे अरसे से उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर का केंद्र सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। अनुप्रिया पटेल की वाणिज्य राज्य मंत्री के तौर पर नियुक्ति से न केवल वो कमी दूर हुई है। बल्कि इससे उत्तर प्रदेश, खासकर कानपुर के चमड़ा तथा आगरा के फुटवियर उद्योग से जुड़ी व्यापारिक …
संजय सिंह, नई दिल्ली। लंबे अरसे से उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर का केंद्र सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। अनुप्रिया पटेल की वाणिज्य राज्य मंत्री के तौर पर नियुक्ति से न केवल वो कमी दूर हुई है। बल्कि इससे उत्तर प्रदेश, खासकर कानपुर के चमड़ा तथा आगरा के फुटवियर उद्योग से जुड़ी व्यापारिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलने व रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।
कानपुर की होने के नाते अनुप्रिया पटेल शहर की समस्याओं से भली भांति परिचित हैं। जबकि अपना दल के के रूप में पार्टी गतिविधियों का संचालन करने तथा केंद्र सरकार में पहले स्वास्थ्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुकने के कारण देश-प्रदेश के बाकी अंचलों के बारे में भी उनका अनुभव अच्छा खासा है।
लेकिन एमबीए के साथ पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री और एमिटी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहने का उनका पुराना अनुभव सही मायनों में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में काम आएगा। जहां उन पर उद्योगों के साथ आंतरिक व्यापार के संवर्द्धन की मुख्य जिम्मेदारी होगी।
अनुप्रिया अपनी जिम्मेदारी का कितना निर्वाह कर पाती हैं ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि उनके नए पोर्टफोलियो का राजनीति लाभ भाजपा को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में किसी न किसी रूप में मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में चमड़ा उद्योग के दो प्रमुख केंद्र हैं। जहां कानपुर में मुख्यतया चमड़ा प्रोसेसिंग इकाइयां हैं वहीं आगरा फुटवियर उद्योग का केंद्र हैं। इसके अलावा नोएडा में फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के रूप में राष्ट्रीय स्तर का फुटवियर ट्रेनिंग संस्थान है जो वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है। अनुप्रिया को इनके विकास व रोजगार सृजन के साथ इनमें प्रदूषण की रोकथाम के उपायों को गति देनी है। कोरोना के कारण इस उद्योग को बहुत नुकसान हुआ है।
फिलहाल अनुप्रिया पटेल के आगे पहला लक्ष्य कानपुर के रमईपुर में मेगा लेदर एंड एक्सेसरीज क्लस्टर (एमएलएफए सी) के कार्य को आगे बढ़ाने का है। जिसके लिए केंद्र सरकार ने 451 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया है। संसदीय समिति ने कानपुर के एमएलएफए को शीघ्र पूरा करने की संस्तुति की है।
इसके अलावा उन्हें लेदर एक्सेसरीज के विकास के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए नए इंडियन फुटवियर लेदर डेवलपमेंट प्रोग्राम (आइएफएलडीपी) का तेजी से कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करना है। इसे 2024 तक पूरा करने इस के लिए 1769 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे पहले ये प्रोग्राम 2017 में आइएफएलएडीपी नाम से शुरू किया गया था और 2020 तक 2600 करोड़ के खर्च से 3-5 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य था। लेकिन कुछ प्रक्रियागत व कुछ कोरोना की अड़चनों के कारण उक्त प्रोग्राम ठीक से लागू नहीं हो सका।
आइएफएलएडीपी के तहत चमड़ा इकाइयों में उत्प्रवाह के उपचार के लिए देश में 12 कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईपीटी) लगाए जाने थे। लेकिन 2020 तक इनमें से 10 प्लांट के लिए ही फंड जारी हुआ। इसमें कुछ सीईपीटी का उच्चीकरण भी किया जा रहा है। पटेल को इन सुस्त कार्यों की रफ्तार भी बढ़ानी है।
इसे साथ देश की 536 चमड़ा प्रोसेसिंग इकाइयों के आधुनिकीकरण एवं तकनीकी उन्नयन तथा 3 लाख से ज्यादा प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग की निगरानी की आवश्यकता है। चर्म प्रोसेसिंग इकाइयों के उन्नयन के लिए केंद्र सरकार 251 करोड़ की मदद की योजना चला रही है।
केंद्र सरकार प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग के लिए प्रति प्रशिक्षु 15 हजार की सहायता की एक सब-स्कीम चला रही। जबकि 130 करोड़ रुपये की लागत से एफडीडीआइ के 7 परिसरों के उच्चीकरण का काम भी शुरू किया गया है। अनुप्रिया पटेल पर इन सभी कार्यों की धीमी रफ्तार को तेज करने की जिम्मेदारी है।