बरेली: निगम बोर्ड बैठक में पार्षदों ने भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की खोली पोल

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम की बोर्ड बजट बैठक में जनता से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर बैठक काफी हंगामेदार रही। करीब साढ़े छह घंटे तक चली बैठक के दौरान कई पार्षदों ने भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के तमाम मुद्दे उठाए और कहा कि कई अधिकारी व कर्मचारी सांठगांठ कर रहे हैं। वे अपना रवैया सुधार …
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम की बोर्ड बजट बैठक में जनता से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर बैठक काफी हंगामेदार रही। करीब साढ़े छह घंटे तक चली बैठक के दौरान कई पार्षदों ने भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के तमाम मुद्दे उठाए और कहा कि कई अधिकारी व कर्मचारी सांठगांठ कर रहे हैं। वे अपना रवैया सुधार लें, नहीं तो पार्षद ऐसे मामलों को जनता के सामने उधेड़ना शुरू कर देंगे। कई प्रस्तावों से असंतुष्ट पार्षदों ने सदन में खूब हंगामा किया। आखिर में बैठक में सर्वसम्मति से वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए करीब 4.5 अरब रुपये के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
बृहस्पतिवार को आईएमए हाल में पूर्वाह्न 11 बजे से सदन का कोरम पूरा होने पर अध्यक्ष मेयर डा. उमेश गौतम ने बजट के आय व्यय पर चर्चा करने की अनुमति दी। बैठक में भाजपा पार्षद विकास शर्मा, सतीश कातिब, नरेश कुमार, छंगामल मौर्य ने तमाम मुद्दों पर बहस शुरू कर दी। पार्षदों ने कहा कि जोन-तीन के इलाकों में करदाताओं को बिल नहीं पहुंच रहे हैं।
पार्षद राजेश अग्रवाल ने गृहकर को लेकर आपत्ति जताई कि नगर निगम के पोर्टल पर पहले संपत्ति का पूरा ब्योरा रहता था, जिससे करदाता को यह समझने में आसानी होती थी कि उसका टैक्स सही लगा है या नहीं, लेकिन कई साल से यह व्यवस्था बदल जाने से लोगों को अपने हाउस टैक्स के सही होने का अंदाजा नहीं मिल पा रहा है। पार्षदों ने इस पर भी एतराज जताया कि लोगों को गृहकर, सीवर व जलकर के नोटिस ही डोर-टू-डोर नहीं भेजे जा रहे हैं।
मेयर ने सहायक नगर आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह में गृहकर के बिल भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके बाद म्यूटेशन का मामला मुकेश सिंघल न उठाया। भाजपा पार्षद सतीश कुमार कातिब ने कहा लेखा विभाग गड़बड़ी कर रहे हैं। उन्होंने सदन में कहा कि अधिकारी निरकुंश हो गए हैं । जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा है।
पार्षद और अधिकारियों के बीच कुछ मुद्दों पर तीखी बहस हुई। सफाई, स्ट्रीट लाइट, सड़क, नाली, सपा पार्षद दल के नेता राजेश अग्रवाल ने बैठक के एजेंडे पर तमाम तरह के सवालों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि लेखा विभाग ने एजेंडे के कई मदों को अलग अलग नहीं किया है। गली, नाला निर्माण के मुद्दों पर कुछ पार्षदों ने सवाल उठाए।
आखिर में मेयर ने बजट बैठक में साढ़े चार अरब के बजट को सर्वसम्मति से पास कर दिया। नगर निगम ने कार्यकारिणी में पास हुए 4 अरब 71 करोड़, 97 लाख, 63 हजार रुपये का बजट सदन में पेश किया। गृहकर, कुत्तों पर कर, विज्ञापनों पर कर, प्रेक्षागृहों पर कर, भवनों से किराया, खुली भूमि से किराया, वधशाला, जलकल आदि आय वाले मदों पर चर्चा हुई। बोर्ड बैठक में नगर आयुक्त अभिषेक आनंद, अपर नगरा आयुक्त अजीत कुमार सिंह, मुख्य अभियंता बीके सिंह, कर निर्धारण अधिकारी ललितेश कुमार सक्सेना आदि मौजूद रहे।
अवैध होर्डिंग और यूनीपोल पर उखड़े पार्षद, तीन करोड़ वसूलना होगा राजस्व
नगर निगम की बोर्ड की बैठक में कई पार्षद अवैध होर्डिंग्स और यूनीपोल को लेकर भड़क गए। उन्होंने कहा कि पूरा शहर अवैध प्रचार सामग्री से पटा पड़ा है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। सदन में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पांच करोड़ रुपये वसूल करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पार्षदों के विरोध के बाद कम कर तीन करोड़ रुपये कर दिया गया। बैठक शुरू होते ही कई पार्षद बजट के असल मुद्दे से विचलित हो गए। जैसे ही बजट एजेंडे में विज्ञापन से आय व्यय आया तभी पार्षद नाराज हो गए। पार्षदों ने आस्तीनें चढ़ा लीं।
विज्ञापन से शुरू हुई बात यूनीपोल, खुली भूमि और नगर निगम की जांच कमेटी का मुद्दा बहस में आ गया। अवैध यूनीपोल से लेकर सरकारी जमीन पर कब्जा के मामले पर जमकर हंगामा हुआ। पार्षद सतीश कातिब, छंगामल मौर्य, कपिलकांत ने आदि ने आपत्ति लगा दी। उन्होंने कहा कि शहर में अवैध यूनीपोल खुलेआम लग रहे हैं। इस मामले में एक जांच कमेटी भी बनी थी। कमेटी ने लिखकर दे दिया कि शहर में लगे यूनीपोल अवैध हैं, फिर भी नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। सदन में पार्षदों ने कहा कि 250 से ज्यादा अवैध यूनीपोल लगे हैं। मेयर ने अधिकारियों से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
निगम की 74 जमीन का कोई पता नहीं
सदन में पार्षद छंगामल मौर्य ने कहा कि 74 भूमि का कुछ पता नहीं है। जमीन कहा है इसकी रिपोर्ट तो बनी लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। 31 भूमि को ही नोटिस दिए गए। नावल्टी पर चार दुकानों पर अवैध निर्माण हो गया नगर निगम कार्रवाई से बच रहा है। पार्षद राजकुमार गुप्ता ने कहा कि कमेटी ने जब निरीक्षण किया तो खुली भूमि पर शोरूम बना देखा है। पार्षद दीपक सक्सेना ने कहा कि कमेटी कब बनी कब खत्म हो गई कुछ पता नहीं चलता। अधिकारी खेल कर रहे हैं।
निगम के घाटे का सौदा बना डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन
बजट बैठक में तमाम मुददों पर जमकर बहस हुई। पार्षद विकास शर्मा ने बताया कि यह बजट फायदे का नहीं है। उन्होंने कहा कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में नगर निगम में भारी नुकसान हुआ है। 2.53 करोड़ की आय नगर निगम को हुई है । जबकि इस मुहिम को चलाने वाली कंपनी को नगर निगम 3.84 करोड़ का भुगतान कर रही है। पार्षद ने सदन को एक सुझाव दिया है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में नगर निगम के अधिकारी, सफाई निरीक्षक, सफाई नायक, सफाई कर्मचारियों को जोड़ा जाए। इसके अलावा सभी अधिकारी, कर्मचारियों के लक्ष्य दिए जाएं।
यह सब करने पर नगर निगम 32.89 लाख रुपये डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर खर्च करेगा। शुरूआत में इस सुझाव को एक वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाए। तमाम पार्षदों ने गृहकर का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि करदाताओं तक बिल नहीं पहुंच रहे हैं। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर चर्चा हुई। पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान से सदन ने सवाल पूछा कि कितने घरों से यूजर चार्ज वसूला जा रहा है। जवाब मिला 1 लाख 9 हजार लोगों से यूजर चार्ज लिया जा रहा है। कर निर्धारण अधिकारी ललतेश कुमार सक्सेना ने सवाल किया कितने करदाता टैक्स दे रहे हैं। जवाब मिला 1.42 लाख है।
वर्ष 2021-2022 के आय-व्यय का बजट
- प्रारंभिक अवशेष -70.53 करोड़
- अनुमानित आय-4.1 अरब
- अनुमानित व्यय-4.59 अरब
- अंतिम अवशेष धनराशि-12.64 करोड़