बरेली: ग्राहकों के खाते से गायब हुए लाखों रुपए, हंगामा

बरेली, अमृच विचार। कोरोना संकट की वजह से कई लोगों की आमदनी के रास्ते बंद हो गए हैं। ऐसे में बैंक में रखी जमा पूंजी के जरिए वे अपना गुजारा करने को मजबूर हैं। वहीं इन सबके बीच शाही स्थित एक बैंक मित्र द्वारा लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने का मामला सामने आया …
बरेली, अमृच विचार। कोरोना संकट की वजह से कई लोगों की आमदनी के रास्ते बंद हो गए हैं। ऐसे में बैंक में रखी जमा पूंजी के जरिए वे अपना गुजारा करने को मजबूर हैं। वहीं इन सबके बीच शाही स्थित एक बैंक मित्र द्वारा लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने का मामला सामने आया है।
इसको लेकर बुधवार को कैंट स्थित बैंक आफ बड़ौदा के जोनल कार्यालय पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। इससे अफसरों के हाथ पांव फूल गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया अफसरों की सांठगांठ से बैंक शाखा में तैनात बैंक मित्र उनका लाखों रुपए का गबन कर फरार हो गया।
शाही थाने के कुलछा निवासी ग्रामीणों ने का कहना था हर आदमी के दिल में सरकारी बैंकों के प्रति भरोसा रहता है कि वहां उसके पैसे सुरक्षित रहेंगे। इसी उम्मीद के साथ उन्होंने बैंक में रुपये जमा किए थे। गांव का रहने वाला युवक बैंक शाखा में बतौर बैंक मित्र काम कर रहा था। ग्रामीण भी बैंक में तमाम तरीके की परेशानी से बचने को इसके पास जाते थे। वह गांव वालों की जरूरत के अनुसार रुपया जमा या निकासी करता था। आरोप है बैंक मित्र पक्की रसीद न देकर कच्ची रसीद बनाकर दे देता था।
बैंक पासबुक भी अपने पास रखता था। गांव वालों को उसने इतना भरोसे में लिया कि कुछ दिन पहले वह करीब 150 लोगों की जमापूंजी गबन कर फरार हो गया। इतना ही नहीं आरोपी ग्रामीणों के केसीसी के भुगतान का भी पैसा हजम कर गया। किसानों पर आज भी कर्ज बकाया चल रहा है। गबन का पता चलने पर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत डीएम से की तो बैंक आफ बड़ौदा के जोनल कार्यालय भेज दिया गया। यहां अधिकारियों ने समय मांगते हुए कार्रवाई करने की बात कही तब जाकर ग्रामीण घर वापसी को लौट गए।
फिलहाल अभी तक करीब 35 लोगों के हाथों से आरोपी 12 लाख 98 हज़ार आठ सौ रुपए लेकर गायब है। बड़ी संख्या में लोगों के खातों से निकाली गई राशि का आंकलन अभी तक नहीं हो पाया है। आरोपी शाही थाना क्षेत्र के कुल्चा गांव का निवासी है और पिछले करीब 9 साल से सपरिवार गांव में ही रह रहा है। करीब 2 साल पहले आरोपी ने बैंक मित्र केंद्र शुरू किया था।
इनकी सुनें-
मेरी पांच लड़कियां हैं और मैं ईंट ढोने का काम करता हूं। बैंक शाखा में मेरा और मेरी पत्नी का खाता था। दोनों की खातों में बच्चियों की शादी के लिए करीब 2,58,500 रुपए जमा किए थे। यह रकम वापस नहीं मिली तो पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। -जुमना प्रसाद
कोरोना की पहली लहर के बाद से आर्थिक स्थिति काफी खराब है। पारावारिक स्थिति काफी कमजोर हैं। किसी तरह खेती मजदूरी करके बैंक में करीक एक लाख रुपये जमा किया था। आरोपी खाते में जमा करने के नाम पर सारी रकम लेकर फरार हो गया। -शिवचरन
मेरे पति की दो साल पहल मौत हो गई थी। उसके बाद से अपने घर में मैं ही मजदूरी करके घर का खर्च चलाती हूं। बेटी की शादी के लिए 27 हजार रुपए जमा किए थे। उम्मीद थी वक्त पर काफी कम निपट जाएगा, लेकिन अभ वह भी नहीं रहे। -गीता देवी
सरकारी बैंक से भी अब भरोसा उठ गया है। बैंक मित्र गांव का था, लेकिन वह सरकारी बैंक में बैठता था इसलिए गांव वाले सहूलियत के हिसाब से किसी अन्य बैंक की शाखा में नहीं जाते थे। मेहनत मजदूरी के सहारे जोड़ी जमा पूंजी लुट गई। -रमेश चंद्र