बरेली: ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो बड़े शहरों की तरफ लौटने लगे प्रवासी मजदूर

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के हालात सामान्य होते देख रेलवे बोर्ड ने कई ट्रेनों के संचालन की मंजूरी भी देनी शुरु कर दी है। पिछले साल जब पहली बार लाकडाउन लगा था तो रेलवे ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजारत जैसे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया था। हालात सुधरे …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के हालात सामान्य होते देख रेलवे बोर्ड ने कई ट्रेनों के संचालन की मंजूरी भी देनी शुरु कर दी है। पिछले साल जब पहली बार लाकडाउन लगा था तो रेलवे ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजारत जैसे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया था। हालात सुधरे तो यह प्रवासी गांव से एक बार फिर अपनी कर्मभूमि पर लौटे। इनमें से अधिकर प्रवासी मजदूर होली पर अपने घर लौटे लेकिन महामारी की दूसरी लहर ने एक बार फिर रोजी-रोजगार का संकट खड़ा कर दिया।

इस बार प्रवासी मजदूर अपने ही घर में बंधकर रह गए। जब तक हो सका खेती की मगर अब ट्रेने धीरे-धीरे बहाल होने लगी हैं तो प्रवासी मजदूरों ने बड़े शहरों का रुख करा शुरू कर दिया है। गुरूवार को बरेली जंक्शन पर सैकड़ों मजदूर स्टेशन परिसर में बैठे नजर आए। इनमें से अधिकतर मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से गुजारत जाने के लिए निकले थे। हावड़ा से काठगोदाम जाने वाली ट्रेन से बरेली पहुंचे। यहां से बरेली-भुज एक्सप्रेस के जरिए गांधीधाम वापस अपने काम पर लौटने वाले थे लेकिन ट्रेन छूट गई। अब तत्काल में टिकट कराकर स्टेशन पर अगली ट्रेन का इंताजर करने लगे।

बिहार के समस्तीपुर में रहे वाले फेकन ने बताया कि हाजीपुर से ट्रेन पकड़ी थी। होली पर घर आए थे लेकिन दूसरी लहर के बाद लाकडाउन लगा तो काम पर नहीं लौट पाए। अब हालात सामान्य हुए हैं तो वापस सेठ के पास मजदूरी करने जा रहे हैं। गांव में रहते तो खाने के भी लाले पड़ जाते लिहाजा अब वापस लौटकर गुजारत जा रहे हैं। जहां चावल के गोदाम में मजदूरी करेंगे।

वैशाली के माया कुमार ने बताया कि काफी सालों से गुजरात में रहकर मजदूरी करते हैं। लाकडाउन लगने से पहले घर वापस आए थे। अब दोबारा रोजी-रोटी की जुगाड़ में घर वापस जा रहे हैं। सरकार से कोई शिकायत तो नहीं लेकिन जिम्मेदार लोगों को रोजगार की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि काम की तलाश में अपने गांव से बड़े शहरों की तरफ पलायन न करना पड़े।

गोरखपुर के सोनू साहनी ने बताया कि भाई की शादी में घर आए थे। लेकिन लाकडाउन के चलते वापस नहीं जा पाए। फिलहाल वापस जाकर गुजारत की एक सरिया फैक्ट्री में काम करेंगे

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