बरेली: प्रोन्नत होने वाले छात्रों के सामने भविष्य में होंगी कई चुनौतियां

बरेली, अमृत विचार। शैक्षिक सत्र 2019-20 के बाद 2020-21 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जा रहा है। जिन पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर छात्रों की परीक्षा करायी भी जा रही है, उसका स्वरूप भी पूरी तरह से बदल गया है। इस परीक्षा में आने वाले अंकों के आधार पर ही उन्हें …

बरेली, अमृत विचार। शैक्षिक सत्र 2019-20 के बाद 2020-21 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जा रहा है। जिन पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर छात्रों की परीक्षा करायी भी जा रही है, उसका स्वरूप भी पूरी तरह से बदल गया है। इस परीक्षा में आने वाले अंकों के आधार पर ही उन्हें पूर्व के वर्ष में औसत अंक दिए जाएंगे। दो वर्ष से छात्रों की पढ़ाई भी पूरी तरह से चौपट हो गई है।

ऐसे में छात्रों के सामने भविष्य में कई तरह की चुनौतियां सामने आएंगी। अगली कक्षा में प्रवेश के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता हासिल करने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि उन्हें पहले से कहीं अधिक छात्रों के साथ प्रतियोगिता करनी होगी। यही वजह है कि शिक्षक छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान पढ़ाई के साथ भविष्य में आने वाली चुनौतियों के साथ-साथ तैयारी करने के लिए बोल रहे हैं।

शासन ने स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत करने के निर्देश जारी किए हैं। इसी तरह से सेमेस्टर छात्रों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित कराने व अन्य सेमेस्टर के अंकों के निर्धारण को लेकर भी निर्देश दिए हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने भी यही व्यवस्था लागू कर दी है। पिछले वर्ष भी स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था। इसी तरह से स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत किया गया था।

सेमेस्टर परीक्षाओं में भी पूर्व सेमेस्टर के आधार पर अंक दिए गए थे जो छात्र पिछली बार वार्षिक या सेमेस्टर परीक्षा में प्रोन्नत होकर आए थे, उन्हें इस वर्ष परीक्षा देनी होगी। चाहें वह अंतिम वर्ष की परीक्षा हो या फिर द्वितीय वर्ष की। इस वर्ष की परीक्षा के आधार पर ही उनके पूर्व के वर्ष व सेमेस्टर के अंक निर्धारित किए जाएंगे। इस बार परीक्षा एक विषय के एक ही प्रश्नपत्र की हो रही है। परीक्षा डेढ़ घंटे में बहुविकल्पीय, अति लघु व दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

रिजल्ट पर पड़ेगा असर
कोरोना की वजह से छात्रों की पढ़ाई सही से नहीं हुई है। ऑनलाइन कक्षाएं जरूर संचालित हुईं लेकिन इससे तैयारी सही से नहीं हो सकी। अब परीक्षा व्यवस्था में बदलाव से उनके परिणाम पर असर पड़ सकता है। तैयारी पूरी न होने पर अंक कम आएंगे। इससे पूर्व वर्ष के अंक भी कम हो जाएंगे। अंक कम होने से जो छात्र अगली कक्षा में प्रवेश लेंगे तो अधिक संख्या में छात्रों के बैठने से मेरिट हाई होगी। इससे प्रवेश में दिक्कत होगी।

इसी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अधिक संख्या में छात्र बैठेंगे। उनसे भी छात्रों की प्रतियोगिता होगा जिससे प्रतियोगिता को सफल करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। विश्वविद्यालय के प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना की वजह से शैक्षिक व्यवस्था में काफी बदलाव आया है। छात्रों के परिणाम पर भी असर पड़ेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी छात्रों को अधिक मेहनत करनी होगी। ऑनलाइन कक्षाओं के तहत छात्रों को इसको लेकर जागरूक किया जा रहा है और उन्हें पूरी तैयारी करने के लिए भी बोल रहे हैं।

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