अल्मोड़ा: धोखाधड़ी और गबन मामले में जमानत याचिका खारिज 

अल्मोड़ा, अमृत विचार। धोखाधड़ी और गबन के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने कैमुना क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी के सीएमडी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को बताया कि वादी देवेंद्र प्रसाद पुत्र जीवन राम निवासी …

अल्मोड़ा, अमृत विचार। धोखाधड़ी और गबन के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने कैमुना क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी के सीएमडी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को बताया कि वादी देवेंद्र प्रसाद पुत्र जीवन राम निवासी सीमापानी, अल्मोड़ा ने चौखुटिया थाने में दी तहरीर में कहा था कि दस मार्च 2013 को चतुर सिंह और मनोज सिंह नाम के दो व्यक्ति उसे लखनऊ ले गए और उन्होंने  कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिडेट के सीएमडी प्रदीप कुमार अस्थाना व अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कराकर उन्हें साढ़े सात हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन पर शाखा प्रबंधक चौखुटिया का नियुक्ति पत्र व प्रमाण पत्र दिया गया।
जबकि संस्था की शाखा खोलने के अभिलेख भी दिए गए। शाखा खोलने के बाद कई लोगों ने संस्था में निवेश कियाऔर संस्था 2019 तक उपभोक्ताओं को भुगतान भी किया। लेकिन संस्था द्वारा वर्ष 2020 में निवेशकों का लेन देन संबंधी साफ्टवेयर बंद कर दिया और संस्था के सीएमडी ने 37 लाख 89 हजार 455 रुपये का गबन किया गया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई कर संबंधित लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिसके बाद अभियुक्त के अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने संस्था के सीएमडी की जमानत के लिए न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की। जिला शासकीय अधिवक्ता कैड़ा ने न्यायालय को बताया अभियुक्त अगर जमानत पर रिहा हुआ तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। जिस पर विचारण के बाद न्यायालय ने सीएमडी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।