बरेली: बाल सखा से मिलकर द्वारिकाधीश नहीं रोक सके आंसू

बरेली: बाल सखा से मिलकर द्वारिकाधीश नहीं रोक सके आंसू

अमृत विचार,बरेली। बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा की सातवें दिन शुक्रवार को कथा व्यास पंडित देवेंद्र उपाध्याय ने भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण जैसा संयम तथा संघर्ष उनके हर अवतार में देखने को मिलता है। भगवान कृष्ण अपनी मुस्कुराहट तथा बांसुरी की तान से हर …

अमृत विचार,बरेली। बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा की सातवें दिन शुक्रवार को कथा व्यास पंडित देवेंद्र उपाध्याय ने भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण जैसा संयम तथा संघर्ष उनके हर अवतार में देखने को मिलता है।

भगवान कृष्ण अपनी मुस्कुराहट तथा बांसुरी की तान से हर बाधा को पाकर लेते हैं। सुदामा चरित्र का मार्मिक वर्णन कर भक्तों की आंखें नम हो गईं। बताया कि राजाधिराज महाराज श्री द्वारिकधीश जी के बचपन के मित्र थे सुदामा। वह अंत्यंत दरिद्र थे, लेकिन रह समय वह द्वारिकाधीश का भजन और चिंतन किया करते थे।

एक बार पत्नी के बार-बार कहने पर वह अपने बाल सखा से मिलने द्वारिका आए, जहां उन्हें द्वारिकाधीश ने न सिर्फ उनका दौड़कर स्वागत किया बल्कि उनके द्वारा लाए गए तीन मुठ्ठी चावल का प्रत्येक मोल देने लगे। तीसरी मुठ्ठी चावल देते समय ही रुकमणी जी उन्हें बैंकुठ लोक देने से यह कहते हुए रोक लेती हैं कि भाभी के भेजे चावलों पर हमारा भी कुछ अधिकार है, इसलिए शेष चावलों को हम पटरानियां ही सेवन करेंगी।

चारों ओर द्वारिकाधीश भगवान के उद्घोषों से पंडाल गूंज उठा। कथा की पूर्णाहुति तथा विराम के उपरांत श्री भागवत जी की आरती में काफी संख्या में उपस्थित भक्तगणों ने आरती कर अपने अराध्य का प्रसाद ग्रहण किया। कथा में मंदिर कमेटी के प्रताप चंद्र सेठ, हरि ओम अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल मौजूद रहे।