Unnao News: बाबा साहब की प्रतिमा स्थापना को लेकर संघर्ष जारी, साढ़े नौ साल बाद भी नहीं मिली स्वीकृति
वर्ष 2015 में फोरलेन चौड़ीकरण के दौरान हटवाई गई भी प्रतिमा
.jpg)
उन्नाव, शुक्लागंज, (अमन सक्सेना)। देशभर में आज संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती हर्षाेल्लास के साथ मनाई जा रही है। इस मौके पर जगह-जगह कार्यक्रमों की तैयारियां हो रही हैं। वहीं शुक्लागंज के गंगाघाट क्षेत्र में बाबा साहब की प्रतिमा की पुनःस्थापना को लेकर वर्षों से चल रहा संघर्ष आज भी अधूरा है।
गंगाघाट कोतवाली के बाहर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा वर्षों तक पंचशील बौद्ध विहार संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का केंद्र रही। लेकिन 12 अक्टूबर 2015 को शुक्लागंज-उन्नाव फोरलेन चौड़ीकरण परियोजना के अंतर्गत जिला प्रशासन ने इस प्रतिमा को हटवा कर गंगाघाट कोतवाली परिसर में सुरक्षित रखवा दिया था। प्रतिमा हटाए जाने के बाद संस्था के पदाधिकारियों ने लगातार प्रयास किए कि उसे पुनः उसी स्थान पर स्थापित कराया जाए।
वर्ष 2023 में संस्था ने स्वयं के खर्चे पर फाउंडेशन का निर्माण भी करा दिया, लेकिन प्रशासन ने रातोंरात बुलडोजर चलवाकर उस ढांचे को भी हटा दिया। इससे संस्था और समर्थकों में निराशा व्याप्त थी। पंचशील बौद्ध विहार संस्था के महामंत्री अमन गौतम ने बताया कि प्रतिमा की स्थापना को लेकर उन्होंने नगर पालिका परिषद में तीन बार प्रस्ताव पारित कराया, लेकिन कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं हो सका है।
संस्था से जुड़े सदस्यों का कहना है कि जहां एक ओर देशभर में बाबा साहब की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है, वहीं गंगाघाट क्षेत्र में उनकी प्रतिमा थाने के अंदर कैद है। यह सामाजिक न्याय और सम्मान की भावना को ठेस पहुंचाने वाला है। संस्थान ने एक बार फिर प्रशासन से मांग की है कि बाबा साहब की प्रतिमा को पुनः उसी स्थान पर सम्मानपूर्वक स्थापित किया जाए, ताकि सामाजिक चेतना के प्रतीक बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।
पालिका में तीन बार हो चुका है प्रस्ताव
पंचशील बौद्ध विहार संस्थान के महामंत्री अमन गौतम ने बताया कि नगर पालिका की बोर्ड बैठकों में तीन बार डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पुनःस्थापना का प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन हर बार मामला अधर में लटक गया।
पीएम, सीएम से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक पहुंचा मामला
महामंत्री ने बताया कि प्रतिमा स्थापना के लिए उन्होंने अब तक आठ बार आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और जिले में तैनात हो चुके नौ जिलाधिकारियों को पत्र सौंपे हैं। वहीं विधानसभा में इसका मुद्दा उठ चुका है। तहसील दिवस और थाना दिवस में भी इस संबंध में ज्ञापन दिए गए, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।