खरगे ने पीएम मोदी के इस बयान पर किया पलटवार, BJP-RSS को बताया आंबेडकर का शत्रु

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का सिर्फ नाम लेती है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग आंबेडकर के शत्रु हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाए जाने को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए भाजपा के वैचारिक पूर्वज जिम्मेदार थे।
खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा और आरएसएस का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ये लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में बाबासाहेब को हराने के लिए विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता एस ए डांगे जिम्मेदार थे। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने संविधान की प्रति जलाई, उनके चेले आज सत्ता में बैठे हैं।
आंबेडकर की जयंती पर पत्रकारों से बात करते हुए खरगे ने देश भर में जाति जनगणना की आवश्यकता पर बल दिया और साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि संविधान आंबेडकर की ओर से नागरिकों को एक उपहार है क्योंकि यह उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का अधिकार देता है। उन्होंने कहा, "हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में हमने इसे आगे बढ़ाया और सामाजिक न्याय के विचारों पर जोर दिया है।"
खरगे ने कहा, "जाति जनगणना जरूरी है। केंद्र सरकार की 2011 जनगणना के आधार पर योजनाएं बना रही है, जबकि 2021 की जनगणना का कुछ पता नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि जनगणना के साथ ही जाति जनगणना भी कराई जाए क्योंकि अभी तक नहीं पता चल पाया कि कौन से समुदाय के लोग किन क्षेत्रों में आगे आए। जाति जनगणना के आंकड़े के आधार पर आगे की योजना बना सकते हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाबासाहेब का नाम लेते हैं, लेकिन बाबासाहेब की आशाओं की पूर्ति करने के लिए तैयार नहीं हैं।" खरगे ने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए संवैधानिक संशोधन किया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने इस पर अमल नहीं किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दो साल पहले जब महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ तो कांग्रेस की मांग थी कि यह तत्काल लागू होना चाहिए और इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए कोटा हो। उन्होंने कहा, " इन पांच बिंदुओं को कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन के प्रस्ताव में शामिल किया गया था और इसके लिए पार्टी पूरे देश में संघर्ष करेगी।"