Kanpur: बीएड को एक वर्ष या चार वर्ष में बदलने की मांग, उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने उठाई मांग

कानपुर, अमृत विचार। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद नई दिल्ली की ओर से बीएड सहित अन्य कोर्स के लिए भावी नियमावली जारी कर दी गई है। इसमें बीएड एक, दो वर्ष तक का भी हो सकेगा। इसलिए कुलपति से मिलकर यह मांग उठाई जाएगी कि जहां इस वक्त पुरानी अवधि के कोर्स चल रहे हैं वहां पर अवधि घटाने या बढ़ाने की अनुमति दी जाए।
यह मांग को उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के नए नियमों के अनुसार अब स्टूडेंट एक वर्ष , दो वर्ष और चार वर्ष के इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे। 2 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के वाले अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की तीन वर्षीय स्नातक डिग्री होना न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों में अनिवार्य है। 1 वर्षीय बीएड में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री अथवा 4 वर्षीय स्नातक डिग्री होना अनिवार्य रहेगा। चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए योग्यता 12वीं अथवा समकक्ष आवश्यक है।
विनय त्रिवेदी ने बताया कि बीएड दो वर्षीय पाठ्यक्रम का महत्व पहले की तरह बना रहेगा और आज भी दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम का महत्व ही सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि 2 वर्षीय बीएड चलाने वाले कॉलेज को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यह अनुमति प्रदान करें कि वह अपनी कुछ सीटों को 1 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में अथवा 4 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में परिवर्तित कर सकें। यह मांग सीएसजेएमयू के कुलपति और भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पाठक से भेंट करके करेंगे। कोषाध्यक्ष डॉ ब्रजेश भदौरिया ने कहा कि बीएड प्रवेश में दलालों का हस्तक्षेप बहुत ज्यादा है इस पर रोक लगाई जाए।