पीलीभीत: गैंडा परियोजना का तय होगा भविष्य, आएगी सिक्योरिटी आडिट टीम

पीलीभीत, अमृत विचार। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जल्द ही गैंडा पुनर्वास परियोजना को हरी झंडी मिल सकेगी। इसको लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन केंद्र सरकार की सिक्योरिटी आडिट टीम मंगलवार को यहां पहुंच रही है। आडिट टीम तीन दिवसीय दौरे के दौरान गैंडों के पुर्नवास के लिए उपयुक्त स्थान एवं सुरक्षा आदि से से जुड़े अन्य बिंदुओं की पड़ताल करेगी। इसके बाद ऑडिट रिपोर्ट उच्च स्तर पर सौंपी जाएगी।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा नेपाल की शुक्ला फांटा सेंचुरी से सटी हुई है। इंडो-नेपाल की खुली सीमा होने के चलते नेपाल से गैंडा, हाथी एवं अन्य वन्यजीव एक-दूसरे देश की सीमा में आते-जाते रहे हैं। पूर्व में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बेहतर ग्रासलैंड होने के चलते टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा गैंडा पुनर्वास की कवायद शुरू की थी। इसको लेकर पूर्व में एक टीम भी यहां आई थी। उसके बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व की तीन रेंजों को गैंडा पुनर्वास के उपयुक्त मानते हुए गैंडा पुनर्वास योजना का प्रस्ताव तैयार कर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को भेजा था। जिसके बाद शासन ने भी भेजे गए प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ, बराही एवं माला रेंज को सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्णय लिया था।
वरिष्ठ परियोजना अधिकारी भी रहेंगे साथ
इधर अब केंद्र सरकार की सिक्योरिटी ऑडिट टीम तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को पीलीभीत टाइगर रिजर्व पहुंच रही है। वन अफसरों के मुताबिक सिक्योरिटी आडिट टीम में पूर्व अधिकारी एनटीसीए बीएस बोनाल, प्रमुख गैंडा संरक्षण कार्यक्रम डब्ल्यूडब्ल्यूएफ डॉ.अमित शर्मा में शामिल हैं। उनके साथ मुख्य वनसंरक्षक विजय सिंह, टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार भी रहेंगे। टीम पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 18, 19 एवं 20 मार्च को रेंजों में गैंडों के हैबीटेट, सुरक्षा और गैंडों के लिए उत्पन्न होने वाले संभावित खतरों आदि को लेकर जांच करेगी। इसके बाद ऑडिट रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी।
गैंडा परियोजना के पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव के बाद गठित सिक्योरिटी ऑडिट टीम तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंच रही है। यह टीम पीटीआर में गैंडों के हैबीटेट एवं सुरक्षा आदि के जुड़े बिंदुओं की जांच करेगी। - मनीष सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व
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