Moradabad News: इंटर करने के बाद 1992 में बरेली पहुंचा था उल्फत, आतंकी ट्रेनिंग लेकर फिर 2000 में मुरादाबाद आया

Moradabad News: इंटर करने के बाद 1992 में बरेली पहुंचा था उल्फत, आतंकी ट्रेनिंग लेकर फिर 2000 में मुरादाबाद आया

मुरादाबाद, अमृत विचार। जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले के सूनकोट अंतर्गत गांव फजलाबाद निवासी उल्फत हुसैन उर्फ सैफल इस्लाम उर्फ अफजाल उर्फ परवेज उर्फ हुसैन मलिक ने 1987 में हाईस्कूल, 1991 में इंटर पास किया। 1992 में बरेली एक मदरसे में पहुंच गया। जहां पर दीनी तालीम हासिल की। एक साल यहां पर रुकने के बाद आतंकी रामपुर के पुराना गंज स्थित मदरसे में पहुंच गया। यहां पर तालीम हासिल करने के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। तीन साल तक आतंकी मदरसे में रहा। वर्ष 1995 में असालतपुर स्थित हाफिज वाली मस्जिद में पहुंच गया। यहां पर आकर यह मौलाना बन गया। युवाओं को दीनी तालीम हासिल करने के लिए प्रेरित करने लगा। धीरे-धीरे लोगों को संपर्क होना शुरू हुआ।

उस दौर में जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव शुरू हो गए जहां उसके पिता ने पंचायत चुनाव लड़ा और जीतकर सरपंच बन गया। जानकारी पर उल्फत अपने गांव पहुंच गया। कुछ सालों तक गांव में रहने के बाद आतंकी ट्रेनिंग लेने के लिए 1999 में पाक अधिकृत कश्मीर में पहुंच गया। एक साल तक ट्रेनिंग ली और हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन में शामिल होकर वापस देश में आकर 2000 में मुरादाबाद पहुंच गया। फिर से उसी मस्जिद में पहुंचकर मौलाना बन गया। इस दौरान उसकी मुलाकात नागफनी थाना क्षेत्र के झब्बू का नाला, मूंढापांडे के सट्टू नगला, मझोला जयंतीपुर व रामपुर निवासी युवक से हुई थी। चारों को भी हिजबुल आतंकी संगठन में शामिल करा दिया। इसी बीच इसने रिजवान हैदर और जफर आलम को भी सीमा पार भेजकर छह माह की ट्रेनिंग दिला थी।

ट्रेनिंग लेने के बाद दोनों युवा आतंकी बने तो वह अपने साथ हथियार, गोला बारूद लेकर मुरादाबाद पहुंच गए। इसके बाद इन्होंने हथियार और गोला बारूद रखने के लिए उत्तराखंड के रामनगर में एक कमरा किराये पर ले लिया। उसी कमरे में हथियार और गोला बारूद एकत्र किया, जो बरामद हुआ था। इस बीच कटघर पुलिस को इनकी गतिविधियों की जानकारी मिल गई। पुलिस इनके पीछे लगी तो नौ जुलाई 2002 को उल्फत हुसैन उर्फ मुहम्मद सैफल इस्लाम को उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 2008 में उल्फत हुसैन उर्फ मुहम्मद सैफल इस्लाम को जमानत मिल गई। 

जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुआ और सीधे जम्मू कश्मीर में पहुंच गया। वहां पर रहकर तभी से आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। अपने साथ मुरादाबाद मंडल के युवाओं को जोड़ने के लिए 17 साल में दो बार मुरादाबाद पहुंचा। इस बीच आतंकी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। 7 जनवरी वर्ष 2015 को कोर्ट ने इसकी गिरफ्तारी के लिए स्थायी वारंट जारी किया, लेकिन फिर भी यह हाथ नहीं लगा। उधर, सहारनपुर की एटीएस टीम लगातार इसकी तलाश में लगी थी। अब एटीएस को इनपुट मिला की वह अपने गांव में है। इस दौरान एसएसपी सतपाल अंतिल ने आतंकी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। पांच मार्च को एक बार फिर कोर्ट से स्थायी वारंट जारी हुआ। शुक्रवार को एटीएस और कटघर पुलिस आतंकी के गांव में पहुंच गई। उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

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